TMBU : स्नातक में नामांकन खत्म, खाली रह गईं 22 हजार सीटें, जानिए वजह Bhagalpur News
कई कॉलेजों में अलोकप्रिय कई विषयों में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं ने आवेदन ही नहीं किया है। 11 अंगीभूत और 12 सम्बद्ध कॉलेजों में स्नातक की पढ़ाई होती है।
भागलपुर [जेएनएन]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में स्नातक की कक्षाओं में नामांकन समाप्त हो गया है। अंगीभूत और सम्बद्ध कॉलेजों में आवेदन देने के बाद भी करीब 22 हजार सीटें खाली रह गई हैं। इन कॉलेजों में अलोकप्रिय कई विषयों में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं ने आवेदन ही नहीं किया है। 11 अंगीभूत और 12 सम्बद्ध कॉलेजों में स्नातक की पढ़ाई होती है।
उधर, स्नातक कला का परीक्षाफल घोषित नहीं हुआ है। लेकिन पीजी की कक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि दुर्गा पूजा के बाद कला संकाय का रिजल्ट निकलेगा, उसके बाद नामांकन के लिए आवेदकों की भीड़ बढ़ेगी। अभी विज्ञान और वाणिज्य संकाय में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं।
स्नातक की कक्षा में इस वर्ष करीब दर्जन भर ऐसे विषय चिह्नित हुए हैं जिसमें नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं ने रूचि ही नहीं दिखाई। इनमें उर्दू, पाली, संस्कृत, बांग्ला, फारसी, मैथिली, संगीत, अंगिका, सांख्यिकी, आइआरपीएम, दर्शन शास्त्र शामिल हैं। इनमें से कई ऐसे विषय हैं जहां शिक्षकों से कम छात्र बचे हैं। यह स्थिति अधिकांश अंगीभूत कॉलेजों की है। नामांकन के अंतिम समय तक छात्र-छात्राओं का रूझान इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, मनोविज्ञान, भौतिकी, रसायन, जन्तु विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र विषय तक ही सीमित रहा। कॉलेजों को विषय बदलने का ऑप्शन दिया गया था। इसके बावजूद छात्रों ने अलोकप्रिय विषय को नहीं चुना। बताया गया कि संस्कृत में करीब साढ़े तीन हजार तथा उर्दू विषय में ढाई हजार सीटें खाली रह गई हैं। यह स्थिति तब हुई जब स्नातक में नामांकन के लिए करीब तीन महीने तक अभियान चला। इसके बावजूद कॉलेजों में सीटें खाली रह गईं।
नामांकन की स्थिति
-23 कॉलेजों में नामांकन के लिए कुल आवेदन 70942
-कुल 41609 छात्र-छात्राओं ने नामांकन लिया
-कॉलेजों में स्नातक की कक्षा में कुल सीटें करीब 66 हजार
सीसीडीसी सह नामांकन प्रभारी डॉ. केएम सिंह ने कहा कि कॉलेजों में नामांकन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था थी। तीन से अधिक बार छात्र-छात्राओं को आवेदन और नामांकन के लिए अवसर दिए गए थे। इसके बावजूद 22 हजार से अधिक सीटें खाली ही रह गईं। अब नामांकन नहीं होगा।