आपत्तिजनक पोस्ट डाल जाने-अनजाने बन रहे 'गुनहगार', जानें... आपपर क्या हो सकती है कार्रवाई
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों के खिलाफ सूबे के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने एसपी को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
भागलपुर, जेएनएन। सोशल मीडिया पर लोग जाने-अनजाने में आपत्तिजनक पोस्ट डालकर आइटी एक्ट के तहत कसूरवार बन रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान इस तरह के पोस्ट में बढ़ोतरी हुई है। पोस्ट डालने वालों को लगता है कि यह उनकी अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन दूसरी तरफ वे समाज में शांति भंग या किसी की भावना को आहत करने के आरोपित बन जाते हैं। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों के खिलाफ सूबे के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने एसपी को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसका असर है कि भागलपुर में आइटी एक्ट में अब तक इससे जुड़े एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
दिल्ली के जामिया इस्लामिया की छात्रा से जुड़ी एक पोस्ट भागलपुर के युवा भाजपा नेता रोशन कुमार सिंह ने सोशल मीडिया में शेयर की थी। पोस्ट में अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। उस पोस्ट पर सोशल मीडिया में काफी प्रतिक्रियाएं आईं। रोशन ने अपना पक्ष रख सफाई भी दी। मामले नवगछिया स्थित रंगरा पुलिस चौकी के प्रभारी राजेश कुमार ने अपने बयान पर गत आठ मई को केस दर्ज किया। रोशन सिंह आरोपित बनाए गए।
मोजाहिदपुर अंचल स्थित बबरगंज पुलिस चौकी क्षेत्र निवासी राजीव रंजन के विरुद्ध इसी 11 मई को केस दर्ज किया गया। चौकी प्रभारी पवन कुमार सिंह ने स्वयं के फर्द बयान पर केस दर्ज करते हुए आरोपित को गिरफ्तार भी कर लिया। सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट की थी। राजीव रंजन पर जानबूझ कर दो संप्रदायों के बीच सौहार्द बिगाडऩे, उकसाने और लॉकडाउन में निराधार तथ्य को फैलाने का आरोप सामने आया। पोस्ट में गोपालगंज एसपी का उल्लेख करते हुए वहां दूसरे संप्रदाय के बच्चे की हत्या एक धार्मिक स्थल पर कर दिए जाने संबंधी जानकारी फैलाई जा रही थी।
कोतवाली थाने में बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की नगर शाखा के अध्यक्ष शिव अग्रवाल ने 13 मई को कांग्रेस की महिला शाखा की प्रदेश सचिव अनामिका शर्मा के विरुद्ध केस दर्ज कराया। अनामिका शर्मा ने एक व्यक्ति के नशे की हालत में गिरफ्तारी पर सवाल उठाया गया था। उसके समाज की चर्चा करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी। मामले में प्रतिक्रिया भी आई। पोस्ट के समर्थन-विरोध में सैकड़ों खड़े हो गए।
संभलकर चलाएं इंटरनेट, कड़ा है कानून
पोर्नोग्राफी : ऐसे फोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो और सामग्री, जिसकी प्रकृति यौन हो और जो नग्नता पर आधारित हो। ऐसे सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी के जरिये प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून के तहत कार्रवाई होगी। चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अवैध है। सजा : पहली गलती पर पांच साल की जेल या 10 लाख रुपये का अर्थ दंड। दूसरी बार गलती करने पर सात साल की सजा।
हैकिंग : साइबर अपराधी वेबकैम को हैक कर सकते हैं या फिर आपके कीबोर्ड पर आप जो टाइप करते हैं उसे रिकार्ड कर सकते हैं। किसी कंप्यूटर जानकार के लिए यह अपराध काफी आसान है। एकाउंट हैक कर किसी से आपके नाम का इस्तेमाल कर रकम मंगा सकते हैं। सजा : तीन साल तक की जेल या पांच लाख रुपये तक का अर्थदण्ड।
डाटा चोरी : स्मार्ट फोन चंद सेकेंड में शातिर हैक कर लेते हैं। एप डाउनलोड के समय इंस्टॉलेशन फाइल गूगल के सर्वर पर ले जाती है, इसी प्रक्रिया पूरी करने में शातिर डाटा चोरी करते हैं। इसलिए एप में गैरजरूरी एक्सेस डिसेबल करना चाहिए। सजा : तीन साल तक की जेल या दो लाख रुपये तक का अर्थदंड।
ई-मेल फ्रॉड : इसके तहत खाते अथवा एटीएम को अपडेट करने के नाम पर लिंक भेजे जाते हैं। उसे क्लिक करते ही खाते से रकम उड़ा दी जाती है। ई-मेल के जरिये बैंक खाते, पासपोर्ट नंबर आदि भी मांगे जाते हैं। सजा : तीन साल तक की जेल या अर्थदंड या दोनों।
बदलते दौर में नेट फ्रेंडली होना जरूरी है, लेकिन सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट डालने या डाले गए पोस्ट को शेयर या लाइक करने से पहले ठंडे दिमाग से कई बार सोच लें। यह जान लें कि वह किसी की भावना को आहत तो नहीं करती है, क्योंकि बदलते दौर में ऐसा करके व्यक्ति अनजाने में ही कसूर कर बैठता है। - राजेश कुमार तिवारी, विधि विशेषज्ञ, भागलपुर।