Acid attack : छात्रा की तीसरी मल्टीपल सर्जरी सफल, प्रभावित हिस्सों से अलग की गई मृत त्वचा
19 अप्रैल 2019 को भागलपुर के अलीगंज स्थित एक महोल्ले में रहने वाली इंटर की छात्रा पर घर में घुसकर तेजाब फेंक दिया था। छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है।
भागलपुर [जेएनएन]। एसिड हमले से पीडि़त छात्रा की सिगरा स्थित निजी अस्पताल में तीसरी मल्टीपल सर्जरी की गई। इसमें शरीर के प्रभावित हिस्सों से मृत त्वचा अलग की गई। दो दिन पहले अचानक उल्टी-बुखार के कारण सर्जरी टालनी पड़ी थी। सेहत में सुधार होते ही सर्जन दल ने ऑपरेशन के लिए हरी झंडी दी और लगभग तीन घंटे तक सर्जरी की गई। इसके बेहतर परिणाम को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों ने स्थिति तेजी से सुधरने की उम्मीद जताई है लेकिन अभी इलाज लंबा चलेगा। छात्रा की पहले भी दो बार मल्टीपल सर्जरी की जा चुकी है।
हाथ तंग, पिता लाचार, किससे लगाएं गुहार
बिटिया के स्वास्थ्य और इलाज में रोजाना का खर्च की चिंता के साथ ही न्याय न मिलने से पिता की लाचारी साफतौर पर उनके चेहरे पर नजर आ रही है। बेबस महसूस कर रहे पिता की व्यथा कथा बार-बार छलक आती है। अपनी व्यथा सुनाते हुए कहते हैं कि पुलिस-प्रशासन बार-बार आरोपितों पर शिकंजा कसने का दावा तो करता है लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं आ रहा है। यह सब जांच एजेंसी पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि यदि आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो वह डीजीपी और मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज पहुचाएंगे।
फोरेंसिक रिपोर्ट से तय होगी आगे के जांच की दिशा और दशा
अलीगंज में 19 अप्रैल को छात्रा पर हुए एसिड हमला मामले की जांच की दशा और दिशा फोरेंसिक रिपोर्ट पर टिकी हुई है। अब तक इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट भी पुलिस को नहीं मिली है। रिपोर्ट पुलिस के हाथ आते ही केस की महत्वपूर्ण कडिय़ों से पर्दा उठना शुरू हो जाएगा। आशंका है कि इस रिपोर्ट के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां पुलिस को मिल सकती हैं।
हमलावरों की संख्या पर संशय
विरोधाभाषी बयानों के चलते तेजाब फेंकने में शामिल लोगों की संख्या पर भी संशय हो गया है। पीडि़ता की मां कई बार अपने बयान बदल चुकी है। घटना के दिन उन्होंने कहा था कि तीन नकाबपोश अपराधी घर में सीढिय़ों के रास्ते घुसे थे। उन तीनों को वह नहीं पहचानती। वाराणसी जाने के बाद उन्होंने अपना बयान बदल दिया। घटना में प्रिंस की संलिप्तता बताया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने दी है चौंकाने वाली जानकारी
आसपास के कुछ ऐसे लोग हैं, जो घटना के तुरंत बाद पीडि़ता के घर पहुंचे थे। उन लोगों ने जो बताया वह पीडि़ता के परिवार वालों के बयान से मेल नहीं खा रहा। पुलिस घटना के दिन से लेकर अब तक किए गए पूछताछ और बयान का अवलोकन कर रही है। बयानों को एक दूसरे से जोड़कर कड़ी दर कड़ी जोड़ी जा रही। ताकि किसी परिणाम पर पहुंचा जा सके।
किसी ने नहीं सुनी मदद के लिए चिल्लाने की आवाज
एसिड हमले की जांच में चल रही पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियों मिली हैं। 19 अप्रैल की शाम पीडि़ता पर एसिड से हमला होने के बाद घर से किसी तरह के चिल्लाने की आवाज आसपास के लोगों ने नहीं सुनी। जबकि उस समय पीडि़ता और उसकी मां ही घर में मौजूद थी। जानकारी के मुताबिक आसपास के कुछ लोग पीडि़ता के मां की रोने की आवाज सुन रहे थे। फिर कुछ देर में घर में लोगों की आवाजाही तेज हो गई।
एसिड हमले की पीडि़ता को पीएम राहत कोष से मिलेगा एक लाख
अलीगंज में एसिड हमले की शिकार छात्रा को प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। दैनिक जागरण के शुरू हुए अभियान 'ना बिके तेजाब, ना झुलसें ख्वाब' के बाद जिला प्रशासन ने सक्रियता बढ़ा दी है। डीएम प्रणव कुमार ने जिला कल्याण अधिकारी सुनील कुमार शर्मा को एक टीम बनाकर वाराणसी भेजने का निर्देश दिया है।
सूचना है कि सुल्तानगंज प्रखंड के कल्याण अधिकारी रणविजय कुमार सिंह को डीएम के निर्देश पर अधिकृत किया गया है। सोमवार को वे भागलपुर से वाराणसी के लिए रवाना होंगे। वहां अस्पताल में पीडि़त छात्रा की हालात का फोटोग्राफ, डॉक्टर की रिपोर्ट, आधार कार्ड और चेहरे की तस्वीर आदि जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करने के बाद नौ मई को पीडि़ता के प्रस्ताव को दिल्ली गृह विभाग को भेजा जाएगा। स्वीकृति के बाद प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपये की मुआवजा राशि पीडि़त के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इधर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार से प्रस्ताव मिल गया है।
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