Achievement of Amit Shah's Bihar tour : सीमांचल में विश्वास का पुल बना गए अमित शाह, अटल जी को इस तरह किया याद
Achievement of Amit Shahs Bihar tour पिछड़े अति पिछड़े अल्पसंख्यक और पंचपौनिया वोटरों को रिझाने का गृह मंत्री ने किया प्रयास। भाजपा के अलावा दूसरों दलों ने सीमांचल को लोगों को वोट बैंक के रूप में किया इस्तेमाल।
संजय सिंह, भागलपुर। Achievement of Amit Shah's Bihar tour : केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह का सीमांचल दौरा कई अर्थों में महत्वपूर्ण रहा। इससे इस इलाके का परिदृश्य बदलने की संभावना है। विरोधी इस रैली के पूर्व यह प्रचारित करने में लगे थे कि शाह का दौरा जोड़ने नहीं, तोड़ने वाला है। जो लोग पूर्णिया में एयरपोर्ट को लेकर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें निकट भविष्य में ही करारा उत्तर मिलेगा। शीघ्र ही, व्यावसायिक टर्मिनल बनने के बाद वहां से आम नागरिकों के लिए हवाई सेवा शुरू हो जाएगी। यह कार्य केंद्र अपने बूते कर रहा है।
नए नियम के तहत सीमावर्ती जिलों में 50 किलोमीटर तक की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की है। सीमावर्ती इलाकों में बढ़ती घुसपैठ, पशु तस्करी एवं अन्य तरह के अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने का माद्दा केंद्रीय जांच एजेंसी के पास ही है। इस इलाके में अशिक्षा और गरीबी के अलावा कुछ नहीं है। भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के समय में ही इस इलाके का थोड़ा-बहुत विकास हुआ। भारत और बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तार लगाने का काम भी उनके कार्यकाल में ही हुआ। अन्य नेताओं ने सिर्फ यहां के अल्पसंख्यकों का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। भाजपा का यह नारा है-सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। इसी नारे को अमल में लाने के लिए अमित शाह का सीमांचल दौरा हुआ। अपने दौरे के क्रम में नेताओं और कार्यकर्ताओं, दोनों में अमित शाह नई ऊर्जा भर गए। आज विपक्ष के लोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन बिहार के अंदर सीमांचल के जो जिले विकास के मामले में उपेक्षित हैं, उसकी सुध कौन लेगा! किशनगंज में भाजपा के एकमात्र सांसद बने शाहनवाज हुसैन का कहना है कि अमित शाह का दौरा सीमांचल के लिए अति महत्वपूर्ण था। उन्होंने सीमांचल में जो विश्वास का पुल बनाया है, उसपर विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। इस दौरे के बाद भाजपा अपने हर एजेंडे में पूरी तरह सफल रही।
कार्यकर्ताओं में जोश भर गया दौरा
अरिरया : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पूर्णिया-किशनगंज के दो दिवसीय दौरा से भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है। बिहार में सरकार से हटने के बाद कार्यकर्ता ऊहापोह की स्थिति में थे। अमित शाह की बैठक में भाग लेकर व इससे पूर्व उनकी रैली की तैयारी के कारण सभी एक तरह से ऊर्जा से भर गए हैं। सांसद प्रदीप सिंह का कहना अब कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से काम कर हैं। अमित शाह ने बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रियता बढ़ाने का निर्देश दिया है।
कई मायनों में अहम रहा शाह का दौरा
केंद्रीय मंत्री अमित शाह का सीमांचल दौरा कई मायनों में अहम रहा। जदयू से अलग होने के बाद हताश संगठन में एक नई ऊर्जा दौड़ गई है। 2024 के परिपेक्ष्य में इसे कारगर दौरा माना जा सकता है। कभी सीमांचल से बिहार में चरम पर पहुंचने वाली भाजपा अपनी उसी धारा को गति देने में बहुत हद तक कामयाब रही। जदयू से गठबंधन के बाद से राष्ट्रवाद व हिंदुत्व के मुद्दे पर पड़ी परत को केंद्रीय मंत्री हटाने में बहुत हद तक कामयाब रहे हैं। घुसपैठ व पीएफआइ की सक्रियता आदि के मुद्दे पर तल्ख तेवर ने संगठन में नया जोश भर दिया है।
कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देकर गए शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय सीमांचल दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में आयोजित रैली में भी अपने भाषण में शाह ने सीमांचल के लोग डरें नहीं की बात कह इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया। राजनीति के जानकारों की मानें तो उनका इशारा सीमांचल के जिलों की स्थिति की ओर था। राज्य में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा व विश्वास का संचार करने का काम उन्होंने किया। मूल मंथन किशनगंज में अपने दो दिवसीय प्रवास में कोर कमेटी व प्रमंडलीय बैठक में किया गया।
सीमा पर चौकसी के लिए शुरू हो गई मंत्रणा
सीमांचल दौरे पर किशनगंज पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 24 घंटे प्रवास कर यहां की विभिन्न समस्याओं को समझा। सीमा सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों को उन्होंने कई निर्देश दिए। स्थानीय स्तर पर चौकसी बढ़ाने, घुसपैठ एवं तस्करी पर सख्ती बढ़ाने के लिए मंत्रणा शुरू हो गई है। गृहमंत्री के आगमन के बाद खुले मंच से पिछड़े क्षेत्र में शुमार किशनगंज जिले के लिए क्या होता है, यह तो समय ही बताएगा।