कितने की मौत के बाद टूटेगी प्रशासन की तंद्रा, रोज हो रहे एक्सीडेंट
सभी गाडिय़ों में स्पीड गवर्नर लगाने की तैयारी सरकार स्तर से की गई है। इसकी घोषणा भी परिवहन विभाग के मंत्रालय द्वारा कर दी गई है। किंतु इसके लिए ठोस प्रयास धरातल पर कुछ भी नहीं है।
भागलपुर (जेएनएन)। शहर में वर्ष 2018 में सड़क हादसे में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार की रात भी नगर निगम दफ्तर के पास तीन लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। एक की हालत गंभीर बनी हुई है। हालांकि, शहर में ट्रैफिक सिस्टम और ओवरलोड ट्रकों पर लगाम लगाने के लिए प्रमंडल स्तर पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की लगातार बैठकें होती रही है। खूब चर्चाएं भी होती है, और योजना भी बनाई जाती है। किंतु बैठकों के कागजी आदेश अमल में नहीं आते।
रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए स्पीड गवर्नर लगाने की है योजना
सभी गाडिय़ों में स्पीड गवर्नर लगाने की तैयारी सरकार स्तर से की गई है। इसकी घोषणा भी परिवहन विभाग के मंत्रालय द्वारा कर दी गई है। किंतु इसके लिए ठोस प्रयास धरातल पर कुछ भी नहीं है। यदि वाहनों में स्पीड गवर्नर लगा दी जाती है तो गाडिय़ां एक तय रफ्तार में ही सड़कों पर दौड़ पाएंगी। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। लेकिन पूर्व की तरह ही कई योजनाएं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनी है। किंतु अब तक इसका बेहतर परिणाम सामने नहीं आया है।
कुछ राज्यों में है व्यवस्था
वर्तमान में राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात की सरकारों ने वाहनों में स्पीड-गवर्नर को अनिवार्य बना रखा है। यह व्यवस्था सख्ती से लागू हो जाती तो कुछ सड़क हादसों में कमी आ जाती।