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जिले में 80 फीसद बच्चे चर्म और दंत रोग से ग्रसित, जानिए वजह

ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। कई दिनों के बाद स्नान करने, गंदे स्थानों में रहने की वजह से उन्हें स्केबीज होता है। यह छुआछूत की बीमारी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 08:53 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 12:11 AM (IST)
जिले में 80 फीसद बच्चे चर्म और दंत रोग से ग्रसित, जानिए वजह
जिले में 80 फीसद बच्चे चर्म और दंत रोग से ग्रसित, जानिए वजह

भागलपुर [अशोक अनंत]। जिले में 50 फीसद बच्चे चर्म रोग और 30 फीसद बच्चे दांत रोग से ग्रसित हैं। 20 फीसद बच्चों में निमोनिया, कटे होठ के साथ जन्म लेने, वजन कम होना बीमारी शामिल है। इन बच्चों की उम्र तीन माह से लेकर 14 वर्ष की है। ज्यादातर बीमार बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों के हैं।

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दो लाख 60 हजार बच्चों का किया गया स्क्रीनिंग

अप्रैल से लेकर दिसंबर 2018 तक जिले में चलंत चिकित्सा द्वारा जिले के 16 प्रखंडों के आंगनबाड़ी और स्कूलों के दो लाख 60 हजार बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 50 फीसद बच्चों में चर्म रोग पाए गए। वहीं 30 फीसद बच्चें दांत रोग से ग्रसित थे। इन बच्चों को स्वास्थ्य केंद्रों में रेफर किया गया। लेकिन चर्म रोग और दंत चिकित्सक नहीं रहने की वजह से जेएलएनएमसीएच में इलाज किया गया।

गंदगी की वजह से होती है बीमारी

जेएलएनएमसीएच शिशु विभाग में पदस्थापित सह प्राध्यापक डॉ. खलील अहमद के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। कई दिनों के बाद स्नान करने, गंदे स्थानों में रहने की वजह से उन्हें स्केबीज होता है। चूंकि यह छुआछूत की बीमारी है अत: एक-दूसरे के संपर्क में आने पर यह बीमारी फैलने लगती है। प्रतिदिन अच्छी तरह बच्चों को स्नान करवाने, उनके कपड़ों की गर्म पानी में धुलाई के साथ आयरन करना आवश्यक है। साथ ही मिठाई, चॉकलेट आदि खाने के बाद दांतों की सफाई नहीं करने से भी दांत में कीड़े पड़ते हैं। दांत का रंग भी पीला होने लगता है।


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