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वायु प्रदूषण : 70 फीसद बच्चे एलर्जी के शिकार, जानिए... चिकित्सक ने क्या कहा बचाव के लिए Bhagalpur News

शहर में वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर में तकरीबन साढ़े तीन लाख से ज्यादा वाहन हैं। इनमें वैसे वाहनों की संख्या भी है जो 20-25 वर्ष पुराने हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:49 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 11:49 AM (IST)
वायु प्रदूषण : 70 फीसद बच्चे एलर्जी के शिकार, जानिए... चिकित्सक ने क्या कहा बचाव के लिए Bhagalpur News
वायु प्रदूषण : 70 फीसद बच्चे एलर्जी के शिकार, जानिए... चिकित्सक ने क्या कहा बचाव के लिए Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। बढ़ते प्रदूषण की वजह से नौनिहालों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। 10-12 वर्ष पहले 20 फीसद बच्चों को सूखी खांसी होती थी, जो खतरनाक नहीं था। प्रदूषण का स्तर बढऩे से अब बच्चों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है। डॉक्टर के मुताबिक दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष के तकरीबन 70 फीसद बच्चे एलर्जी से परेशान हैं। स्थिति यह है कि अभिभावक अब घरों में नेबुलाइजर तक रखने लगे हैं।

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शहर में वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर में तकरीबन साढ़े तीन लाख से ज्यादा वाहन हैं। इनमें वैसे वाहनों की संख्या भी है जो 20-25 वर्ष पुराने हैं। इन वाहनों से धुंआ ज्यादा निकलता है। इसके अलावा प्लास्टिक या कूड़ा जलाने से निकले कार्बन मोनोआक्साइड और सल्फर हवा में घुल जाते हैं। धूल भी वायु में मिल जाती है। सांस के द्वारा फेफड़ा में कार्बन मोनोआक्साइड जाने से दम फूलने लगता है।

क्या बरते सावधानी

मास्क लगाकर बच्चे घर से बाहर निकलें

धूल और धुंआ के संपर्क में नहीं रहें

पुराने वाहनों के उपयोग पर रोक लगे

खुले में कूड़ा या प्लास्टिक नहीं जलाएं

डॉ. एसएन तिवारी (पूर्व विभागाध्यक्ष, माइक्रो बॉयलोजी, मेडिकल कॉलेज) ने कहा कि वाहनों से निकलते धुंए और कूड़ा या प्लास्टिक जलाने पर कार्बन मोनो डायऑक्साइड हवा में घुलता है। इससे लोग सांस की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

जेएलएनएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. केके सिन्हा ने कहा कि पिछले 10-12 वर्षों में बीमार बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसका मुख्य कारण बढ़ता प्रदूषण है। तकरीबन 70 फीसद बच्चों को सांस की बीमारी है।


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