बोले चिकित्सक : 50 फीसद टीबी मरीजों को नहीं मिलती सरकारी सुविधा
प्रत्येक आठवें व्यक्ति में एक व्यक्ति टीबी का मरीज है। प्रत्येक डेढ़ मिनट में एक टीबी मरीज की मौत होती है। देश में प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ लोग टीबी से ग्रसित होते हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। 50 फीसद टीबी मरीजों को ना तो अस्पताल से दवाएं मिलती हैं और न ही इलाज की कोई सुविधा ही। ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित चिकित्सकों को भी टीबी के मरीजों के इलाज के मामले में प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। यह बातें आइएमए में आयोजित कार्यशाला में डॉ. हेम शंकर शर्मा ने कही।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक आठवें व्यक्ति में एक व्यक्ति टीबी का मरीज है। प्रत्येक डेढ़ मिनट में एक टीबी मरीज की मौत होती है। देश में प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ लोग टीबी से ग्रसित होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अस्पतालों में टीबी मरीजों को निश्शुल्क जांच की सुविधा के अलावा दवाएं भी मिलती हैं। लेकिन निर्धन और अशिक्षित लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता वर्णवाल ने कहा कि जब भी प्रसव दर्द प्रारंभ हो अथवा रक्तश्राव होने लगे तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। क्योंकि रक्तश्राव होने की वजह से 30 फीसद गर्भवती महिलाओं की मौत हो जाती है। यह आंकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है। वहीं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप कुमार ने कहा कि 50 वर्ष के बाद घुटना का कार्टिलेज घिसने से दर्द होने लगता है। इससे बचने के लिए पालथी मारकर नहीं बैठे, व्यायाम करने से मांसपेशी मजबूत होगी तो गठिया नहीं होगा। इस अवसर पर आइएमए अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, सचिव डॉ. अमिताभ सिंह, डॉ. एके भगत, डॉ. एके पाण्डेय, डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. रोमा यादव सहित कई चिकित्सक उपस्थित थे।