शहर में वाई-फाई के लिए खर्च किए 32 लाख रुपये, साल भर भी नहीं चला
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने वाई-फाई का इस्तेमाल नहीं होने का हवाला दिया था। इसके बाद 2018 में भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सामने प्रस्ताव रखा।
भागलपुर, जेएनएन। शहर में स्मार्ट सिटी की योजना से छह स्थानों पर 32 लाख रुपये खर्च कर वाई-फाई के टावर लगाए गए थे। इससे शहरवासियों को फ्री में वाई-फाई की सुविधा मिल रही थी। एक यूजर अपने मेल आइडी पर पांच सौ एमबी डाटा यूज कर सकते थे। लेकिन, शहरवासियों को यह सुविधा साल भर भी नहीं मिली। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने वाई-फाई का इस्तेमाल नहीं होने का हवाला दिया था। इसके बाद 2018 में भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सामने प्रस्ताव रखा। जिसमें बंद करने का निर्णय लिया गया। अब सवाल ये हैं कि जब वाई-फाई सेवा को बंद ही करना था तो लाखों रुपये खर्च करने की जरूरत क्या थी?
इन स्थानों पर लगाए गए थे टावर
स्मार्ट सिटी की योजना से शहर के लाजपत पार्क, नगर निगम चौक, कोतवाली चौक, तिलकामांझी चौक, कचहरी चौक व सैंडिस कंपाउंड मैदान में वाई-फाई के टावर लगाए गए थे। एक चौराहे पर टावर लगाने में करीब चार लाख रुपये खर्च किए गए। इसके साथ टेलीकॉम कंपनी को इंटरनेट सेवा के लिए प्रतिमाह 60 से 65 हजार रुपये एक वर्ष तक भुगतान किया गया।
इन कंपनियां को दिया गया था कार्य
वाई-फाई सेवा शुरू करने का जिम्मा अमर इंट्रो व इनफिनेट टेक्नोलॉजी को दिया गया था। अमर इंट्रो को वाई-फाई के लिए 16 लाख 20 हजार 970 रुपये दिए, जबकि इनफिनेट टेक्नोलॉजी को 16 लाख 66 हजार के करीब भुगतान किया गया।
जनता की सुविधा के लिए वाई-फाई लगाया गया था। उसे बंद नहीं करना था। इसकी शिकायत सरकार से की जाएगी। -सीमा साहा, मेयर।
यहां बता दें कि स्मार्ट सिटी के तहत भागलपुर में कई योजनाएं चल रही है। लेकिन ज्यादातर योजनाएं कागजों पर ही सिमट कर रह गई है। कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही के कारण पैसे की बर्बादी हो रही है। शहर के सुरक्षित रखने के लिए सीसीटीवी लगाया गया था। लेकिन वह भी बेकार हो गया है। साथ ही इसके सौंदर्यीकरण की योजना भी धरी की धरी रह गई।