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Jitiya Vrat Start & End Time: जिउतिया व्रत दो दिन, दोनों ही उत्तम, जानें... मिथिला और काशी पंचांग में क्‍या है

Jitiya Vrat Start End Time जिउतिया व्रत दो दिन है। दोनों ही उत्तम है। कहीं मंगलवार को व्रत तो कहीं बुधवार को। मिथिला और काशी पंचांग में लिखी गई दोनों बातें शास्त्र संगत। इस खबर में पूरी जानकारी है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 11:33 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 11:33 AM (IST)
Jitiya Vrat Start & End Time: जिउतिया व्रत दो दिन, दोनों ही उत्तम, जानें... मिथिला और काशी पंचांग में क्‍या है
जिउतिया व्रत दो दिन है, दोनों दिन उत्‍तम।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। पुत्र की दीर्घायु और सुखद कामना से लिए किया जाने वाला जिउतिया व्रत दो दिन हो रहा है। कुछ व्रती जहां नहाय-खाय सोमवार को कर मंगलवार को उपवास करेगी, वहीं कुछ व्रती बुधवार को उपवास करेंगी।

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इस संशय के समाधान पर स्पष्ट पंडितों का राय है कि मिथिला और काशी पंचांग में अंतर होने के कारण ऐसा हुआ है। मिथिला पंचांग में प्रदोष व्यापिनी व्रत करने का विधान बताया गया है, जबकि काशी पंचांग में उदय व्यापिनी व्रत लिखा गया है। दोनों में से किसी दिन व्रत करना उचित एवं उत्तम बताया जा रहा है।

शहर के बूढ़ानाथ मंदिर के आचार्य पंडित टुन्नाजी कहते हैं कि मिथिला पंचांग के अनुसार सोमवार को नहाय खाय के साथ व्रत का आरंभ हो जाएगा। व्रती मंगलवार को निर्जला उपवास करेंगी। बुधवार को संध्या 5:05 पर पारण किया जाएगा। इसमें अष्टमी तिथि प्रदोष काल अर्थात संध्या तक रहेगी। अष्टमी तिथि के समापन होते ही व्रती व्रत तोड़ेंगे। जबकि काशी पंचांग के अनुसार मंगलवार को नहाय खाय के साथ व्रत का आरंभ किया जाएगा। बुधवार को व्रती उपवास करेंगी। गुरुवार को सूर्योदय के बाद पारण किया जाएगा। काशी पंचांग उदय व्यापिनी अर्थात सूर्योदय काल मे अष्टमी होने से उसी दिन जिउतिया करने का विधान लिखा है।

जिउतिया पर्व को लेकर गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़

जिउतिया पर्व को लेकर कहलगांव, बटेश्वरस्थान, त्रिमुहान में सुबह से दोपहर बाद तक महिलाओं की भीड़ लगी रही।गंगा स्नान के बाद महिलाओं ने पूजा अर्चना की। पंडित जी ने स्पष्ट कहा कि इसमें कहीं संशय की स्थिति नहीं है। दोनों ही दिन व्रत करना उचित और उत्तम है। दोनों पंचांग में लिखी गई बातें शास्त्र संगत है। दोनों सही है।भागलपुर में भी गंगा तट पर स्‍नान करने वालों की भीड़ लगी है। कल से ही लोग स्‍नान करने आ रहे हैं। कल भी काफी  संख्‍या में श्रद्धालु गंगा स्‍नान करने आएंगे। गंगा के अलावा व‍िभिन्‍न नद‍ियों में काफी संख्‍या में श्रद्धालु स्‍नान करने पहुंचे।


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