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Durga Puja Special: भागलपुर के इस दुर्गा मंदिर में 99 वर्षों से कुश पद्दति से होती आ रही मां दुर्गा की पूजा

Durga Puja Special भागलपुर के अकबरगनर इलाके में खेरेहिया दुर्गा मंद‍िर है। यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मंदिर में बलि देने की प्रथा नहीं है। पूजा करने दूर दराज से लोग यहां आते हैं। एक सौ वर्षों से यहां कुश पद्धति से पूजा पाठ की जा रही है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 11:07 AM (IST)
Durga Puja Special: भागलपुर के इस दुर्गा मंदिर में 99 वर्षों से कुश पद्दति से होती आ रही मां दुर्गा की पूजा
खेरेहिया मंदिर में नहीं है बलि देने की प्रथा।

संवाद सूत्र, अकबरनगर (भागलपुर)। खेरेहिया स्थित दुर्गा मंदिर में 99 वर्षों से कुश व वैदिक पद्धति से मां दुर्गा की पूजा होती आ रही है। मैया भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं। इसलिए यहां दूर-दराज से लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं।

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सपने में देवी दर्शन के बाद रखी गई मंदिर की नींव

एक पुजारी को मां दुर्गा ने सपने में आकर पूजा करने को कहा। जिसके बाद पुजारी ज्योतिष प्रसाद सिंह व तारणी झा ने मिलकर खुला पिंडा बनाकर कुश के त्रिशूल से वैदिक पद्दति से मां की पूजा-अर्चना शुरू की। पंडित शिवशंकर झा करीब 22 वर्षों से पूजा-अर्चना करवाते आ रहे हैं। पहले इनके पिता तारणी झा यहां पूजा-पाठ कराते थे। उन्होंने नवदुर्गा पर आधारित पाठ लिखा था। वे वैदिक क्षेत्र में गोल्ड मेडलिस्ट थे। मंदिर का जिम्मा प्रकांड विद्वान के हाथों में है।

ग्रामीणों ने किया सहयोग

पूर्वजों के सपने को साकार करने के लिए 2011 में पक्के मंदिर का निर्माण किया गया। अब इसी मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है। पिछले कई वर्षों से गांव के ही ब्रह्मचर्य रमाकांत सिंह मंदिर की देखभाल करते आ रहे हैं। मंदिर में नवमी और दशमी को श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। मंदिर में डलिया चढ़ाने की भी परंपरा है। मंदिर में बलि नहीं दी जाती है।

खेरेहिया स्थित भव्य दुर्गा मंदिर अपने आप में आध्यात्मिक व धार्मिक महत्व को दर्शाता है। प्रत्येक साल दुर्गा पूजा के अवसर पर लोगों के सहयोग से भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। हालांकि कोरोना के कारण लगे लाकडाउन के कारण धार्मिक स्थलों में किसी भी प्रकार के आयोजन होने पर पाबंदी लगाई गई थी। लेकिन इस बार मेले का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। जिसको लेकर अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। सभी लोग सहयोग से इस मेले का आयोजन करते हैं। इस दौरान गांव में कई रिश्‍तेदार यहां आते हैं। 


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