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जब प्रथम राष्‍ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद हो गए थे दुखी, बोले थे-हिंदी को हम गौरवान्वित नहीं कर सके

Hindi day आकाशवाणी भागलपुर में हिंदी द‍िवस पर एक परिचर्चा आयोज‍ित की गई। इस दौरान वक्‍ताओं ने इस बात से दुख व्‍यक्‍त किया कि हिंदी को जो सम्‍मान मिलना चाहिए वो नहीं म‍िला। उन्‍होंने प्रथम राष्‍ट्रपत‍ि डा राजेंद्र प्रसाद व महात्‍मा गांधी का हिंदी प्रेम का जिक्र किया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 06:22 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:22 AM (IST)
जब प्रथम राष्‍ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद हो गए थे दुखी, बोले थे-हिंदी को हम गौरवान्वित नहीं कर सके
हिंदी द‍िवस: आकाशवाणी भागलपुर में वक्‍ताओं ने कहा-गौरवान्‍व‍ित करने का द‍िन।

आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। Hindi day: आकाशवाणी भागलपुर में हिंदी द‍िवस पर एक परिचर्चा आयोजित की गई। मुख्‍य अत‍िथि प्रो डा श्रीभगवान सिंह ने कहा कि आज का दिन गौरव भरा है। हिंदी भारत की भाषा है। राष्‍ट्रीय भाषा है। आजादी की लड़ाई में ह‍िंदी भाषा के कारण ही पूरा देश एक-दूसरे जुड़ा रहा। उन्‍होंने लोगों से अपील हिंदी की गर‍िमा को बनाएं रखें। यह एकता का प्रतीक है। दूसरी भाषा को सीखें, उसे भी जानें, लेकिन हिंदी का ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रयोग करें। इस अवसर पर उन्‍होंने भारत के प्रथम राष्‍ट्रपत‍ि डा राजेंद्र प्रसाद के पुस्‍तक पर चर्चा करते हुए कहा कि वे इस बात से दुखी थे कि हिंदी का जो सम्‍मान और महत्‍व मिलनी चाहिए वह नहीं मिली है। महात्‍मा गांधी ने भी कहा था कि देश की सेवा करना चाहते तो हिंदी का सम्‍मान करो।

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इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्राध्‍यक्ष न‍िदेशक अभियंत्रण ब्रजेश कुमार, वरीय कार्यक्रम अधि‍शासी प्रभात नारायण झा और कार्यक्रम प्रमुख ब्रज किशोर रजक, श्री भगवान स‍िंह ने क‍िया। धन्‍यवाद ज्ञापन आकाशवाणी भागलपुर के वरीय उद्घोषक डा विजय कुमार मिश्र 'व‍िरजू भाई' ने क‍िया।

स्कूलों में बोलने पर दंड मिले, तो कैसे होगा हिंदी का भला

प्रो डा. श्रीभगवान सिंह ने कहा क‍ि जिस देश के इंगलिश मीडियम स्कूलों में हिंदी बोलने पर दंड मिलता हो, वहां हिंदी का भला कैसे हो सकता है। जब अभिभावक ही अंग्रेजी प्रेमी हों। तो बच्चे हिंदी कहां से सीखेंगे। उन्‍होंने कहा कि हिंदी पूरे भारतवर्ष में समझी जाती है। लेकिन राजनीतिक कारणों से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का विरोध होता रहा है। केंद्र प्रधान सह निदेशक अभियंत्रण ब्रजेश कुमार ने कहा कि पूरे देश व विश्व में हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए ही हिंदी पखवारे का आयोजन किया जाता है। दूसरी भाषा को अपने में समेटने व अपनी सरलता के कारण ही हिंदी विश्व भर में लोकप्रिय हो रही है।

आकाशवाणी भागलपुर के कार्यक्रम प्रमुख ब्रजकिशोर रजक ने हिंदी के विकास में भारतीय सिनेमा के योगदान को रेखांकित किया। साथ ही राजकाज की हिंदी को सरल बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास की जरूरत बतायी। संचालन वरीय कार्यक्रम अधिशासी डा. प्रभात नारायण झा ने किया।

मौके पर कार्यक्रम अधिशासी श्रीपार्वती के, प्रसारण अधिशासी सरशार अहमद, प्रसारण अधिशासी सौरभ कुमार, गिरेंद्र प्र साह, संजीव मिश्रा, प्रकाश झा, नितीश कुमार, पवन वर्मा, सुरेश रावत, रफी अनवर, सत्येंद्र प्र गुप्ता, केशरी कुमार ति‍वारी, मो रफी अहमद, सत्‍येंद्र प्रसाद गुप्‍ता, जीतेंद्र प्रसाद साह, सोनाली कर्मकार, अमृता शर्मा, रिद्धी शर्मा, विद्याधर झा, मलय विपुल आदि मौजूद थे।

आकाशवाणी में प्रतियोगिता का आयोजन

इस दौरान आकाशवाणी भागलपुर में निबंध, तकनीकी शब्दावली, टिप्पण व प्रारूपण, हिंदी टंकण व हिंदी भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। सफल प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र व प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं दो सांत्वना नकद पुरस्कार क्रमश: 4000, 3000, 2000 व 1500-1500 रुपये दिये गये। इन प्रतियोगिताओं में नीतीश कुमार, सुनील कुमार चौधरी, प्रकाश कुमार झा, जितेंद्र कुमार, संजीब मिश्र, सुरेश रावत, हलधर प्रसाद चौधरी और लक्ष्‍मण प्रसाद शर्मा आद‍ि को पुरस्‍कृत किया गया।


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