नगर निगम : मेयर और डिप्टी मेयर को हटाने की मुहिम तेज, लाया अविश्वास प्रस्ताव Bhagalpur News
मेयर व डिप्टी मेयर के विरोध में प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों को भी पता नहीं है कि इस पदों के दावेदार कौन होंगे। मेयर के कैबिनेट के पांच पार्षद भी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पिछले एक सप्ताह से नगर निगम में हो रही हलचल का पटाक्षेप हो गया। मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के खिलाफ कुल 22 पार्षदों के नाम सामने आए हैं। सोमवार को इनके हस्ताक्षरयुक्त आवेदन को मेयर और डिप्टी मेयर को सौंपा गया।
पार्षद उषा देवी, अनवरी खातून और शीला देवी के साथ पार्षद प्रतिनिधि पप्पु यादव ने यह आवेदन सौंपा। इसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी, डीएम प्रणव कुमार और प्रभारी नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा को भी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दिया है। साथ ही बहुमत साबित करने के लिए बैठक बुलाने का भी आग्रह किया है। पार्षदों की मांग पर मेयर सीमा साहा ने तनिक भी विलंब नहीं किया। उन्होंने 25 सितंबर को विशेष चर्चा के लिए बैठक बुलाने के लिए नगर आयुक्त को निर्देश दिया है।
प्रस्ताव में लगाए गए आरोप
- जनोपयोगी योजनाओं के कार्य में शिथिलता
- प्रत्येक माह समय पर बोर्ड की बैठक नहीं बुलाना
- मेयर, डिप्टी मेयर, पार्षद और कर्मचारी के बीच समन्वय का अभाव
- पार्षदों को सम्मान नहीं मिलना
- मेयर के कार्यशैली से असंतुष्ट हैं
कौन होंगे दावेदार इस पर असमंजस
मेयर और डिप्टी मेयर के विरोध में प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों को भी पता नहीं है कि इस पदों के दावेदार कौन होंगे। सबसे दिलचस्प बात रही कि मेयर के कैबिनेट के पांच सदस्य पार्षद अविश्वास प्रस्ताव में शामिल हुए हैं। वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पत्र देने और लेने वाले के चेहरे पर मुस्कान की नगर निगम में चर्चा होती रही।
नगर निगम में नजर नहीं आए पार्षद
सोमवार को नगर निगम में पांच पार्षद ही नजर आए। चर्चा है कि 32 पार्षदों को नेपाल और बंगाल में सैर के लिए गए हैं। ऐसे में 25 सितंबर को बहुमत साबित करने के लिए होने वाली विशेष बैठक में सभी पार्षदों की उपस्थिति को लेकर असमंजस है। इससे विरोधी खेमे को बहुमत जुटाने में परेशानी हो सकती है। इसलिए कि संख्या बल नहीं रहने पर अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा। 51 सीटों वाले निगम को बहुमत के 26 वोट की आवश्यकता है। एक पार्षद उमर चांद जेल में हैं और दूसरा स्थायी समिति सदस्य संजय सिन्हा पर केस दर्ज हुआ है।
निगम में हलचल, जिप कार्यालय में बनी रणनीति
अविश्वास प्रस्ताव की सूचना को लेकर डिप्टी मेयर जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह के साथ जिला परिषद कार्यालय पहुंचे। यहां निगम की आगामी राजनीति को लेकर रणनीति भी तैयार हुई। जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार मेयर सीमा साह के पति हैं। वहीं, पिछले पांच महीने से लगातार मेयर को हटाने की मुहिम चला रहे पार्षद हंसल सिंह नगर निगम का चक्कर लगाते रहे। पार्षदों के साथ हंसल मेयर कक्ष में पहुंचे लेकिन मीडिया कर्मियों के कैमरे से बचते नजर आए।
आयुक्त से मिलने पहुंचीं मेयर
पार्षदों द्वारा प्रस्ताव सौंपने के पहले मेयर सीमा साहा प्रमंडलीय आयुक्त से मिलने पहुंचीं। उन्हें देवघर और बासुकीनाथ धाम का प्रसाद भी दिया।
इन पार्षदों ने प्रस्ताव पर किया हस्ताक्षर
पाकीजा, उषा देवी, साबिहा रानू, नीतू देवी, फरीदा आफरीन, निशा देवी, सुनीता देवी, सोफिया हुमैरा, पंकज दास, सीता देवी, अभिषेक कुमार, फिरोजा यासमीन, गोविंद बनर्जी, शिवानी देवी, कुमारी कल्पना, फरहाना, बीबी बलिमा, नेजाहत अंसारी, हंसल सिंह, शीला देवी, अनिल कुमार पासवान, अरसदी बेगम और निशा दुबे।
11 सितंबर को पार्षदों के बीच बनी थी सहमती
सप्ताह भर पहले अविश्वास प्रस्ताव के मुहिम से मेयर की कुर्सी डगमगाने लगी थी। 11 सितंबर को 30 से अधिक पार्षद डिप्टी मेयर के आवास पर जुटे थे। पार्षद हंसल सिंह की अगुवाई में 29 से अधिक पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिया था। मुहिम पर विराम लगाने के लिए डिप्टी मेयर को मुंबई में कार्यक्रम छोड़कर शहर लौटना पड़ा था। वहीं, मेयर ने भी देवघर से लौटने के बाद पार्षदों के घर जाकर मान-मनोव्वल किया था। पार्षदों के शर्तों को मानने का आश्वासन दिया था।
मेयर ने ये मांगे मान ली थी
- प्रत्येक माह बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी। बोर्ड और स्थायी समिति बैठक की प्रोसेडिंग पार्षदों के घर तक पहुंचाई जाएगी।
- विक्षुब्ध खेमे के चार पार्षदों को स्टेंडिंग में समिति शामिल किया जाएगा।
- विकास कार्यो के लिए पार्षदों की निगरानी में टीम बनेगी।
- पार्षद कक्ष भवन का निर्माण कार्य छह माह अंदर पूरा करेंगे।
- पार्षदों के आवेदन और शिकायत पर त्वरित कार्रवाई होगी।
- स्वास्थ्य, जलकल और स्थापना समिति शीघ्र गठित की जाएगी।
मेयर सीमा साहा ने कहा कि पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। प्रस्ताव पर 25 सितंबर को विशेष बैठक में चर्चा होगी। मेरे साथ 50 पार्षदों का समर्थन है। हम जनता के कार्य में लगे हुए है। जहां कार्य नहीं हुआ है उसे पूरा करेंगे।
डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि पार्षदों ने अपनी तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम किया है। इस पर विश्वास हासिल कर लेंगे। मैं सदैव पार्षदों के साथ विकास कार्यो में लगा रहता हूं।
प्रभारी नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि पार्षदों का आवेदन मिला है। बहुमत साबित करने के लिए बैठक बुलाई जाएगी। मेयर ने 25 को बैठक बुलाने का आग्रह किया है। अब निगम प्रशासन की ओर से तिथि तय होगी और मतदान कराया जाएगा।
पार्षद सह पूर्व उपमेयर डॉ. प्रीति शेखर ने कहा कि जो प्रस्ताव लाया है वो जाने। जिनके ऊपर आया है वह जानेंगे। हमको मतलब नहीं है।
सैर पर गए पार्षद
इससे पहले नगर निगम में मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नए सिरे तैयारी शुरू हो गई है। शनिवार की देर रात से अचानक पार्षदों की टोली शहर से बाहर सैर करने के लिए निकल गई थी। इन्हें नेपाल, सिलीगुड़ी और कोलकाता के विभिन्न जगहों पर भेजे जाने की चर्चा है।
गत नौ जून से निगम बोर्ड का कार्यकाल दो वर्ष पूरा होने के बाद से लगातार अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्षद गोलबंद होते रहे हैं। मेयर को हटाने के लिए बड़े जनप्रतिनिधि भी पार्षदों के साथ लगातार बैठक कर रहे थे। कुर्सी जाते देख डिप्टी मेयर राजेश वर्मा डैमेज कंट्रोल में जुट गए। 11 सितंबर को डिप्टी मेयर के आवास पर पार्षदों के बीच बैठक कर एकजुट किया। इसमें 35 पार्षदों ने मेयर और डिप्टी मेयर को साथ देने का भरोसा भी दिया।
अविश्वास से स्थायित्व पाने की रणनीति
बताया जा रहा है कि बार-बार अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्षदों की धमकी से अजीज आकर डिप्टी मेयर ने बड़ी रणनीति तैयार की है। मेयर और डिप्टी मेयर अपने ऊपर खुद अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। ताकि दो वर्षो तक अविश्वास प्रस्ताव को नहीं लाया जा सके। ऐसी चर्चा पार्षदों के बीच चल रही है। इसके पहले जिला परिषद भी इस रणनीति पर काम कर चुका है। कुछ माह पहले ही जिला परिषद में अविश्वास प्रस्ताव पर विराम लग चुका है। रविवार की रात तक 32 पार्षदों को शहर से बाहर भेजा जा चुका है, जबकि मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर शहर में ही है। शहर से दोनों कुर्सी के विरोध में प्रस्ताव लाने वाले कौन पार्षद दावेदार होंगे। इसको लेकर पार्षदों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।