Bhagalpur Coronavirus Cases: कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे, बच्चे भी हुए संक्रमित
Bhagalpur Bihar Coronavirus Cases BIG Concern Again भागलपुर में एक बार फिर कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने लगा है। लोग लगातार संक्रमित हो रहे हैं। शिक्षण संस्थान के खुल जाने से यह मामला और भी बढ़ा है। इसके बावजूद लोग संभल नहीं रहे हैं। बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur Bihar Coronavirus Cases BIG Concern Again: गुरुवार को जिले में नौ लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें शहरी क्षेत्र के दो और ग्रामीण क्षेत्र के सात लोग शामिल हैं। सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण में तेजी आ रही है, लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है। चार कोरोना मरीज स्वस्थ भी हुए।
सिविल सर्जन ने कहा कि 22 जून को 10 संक्रमित मिले थे। उसके बाद पहली बार संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। तातारपुर में 28 वर्ष का युवक, वार्ड 50 में 50 वर्ष की युवति, सबौर के मिर्जापुर में सात वर्ष का बच्चा, नाथनगर, नवगछिया और सुल्तानगंज में भी संक्रमित मिले हैं। अबतक 25774 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। 25439 लोग स्वस्थ हुए वहीं 308 मरीजों की मौत हो गई। रिकवरी रेट 98.70 फीसद है। सक्रिय मरीजों की संख्या 27 है।
एक जुलाई से 14 जुलाई तक जिले में चार बच्चे हुए संक्रमित
जिले में कोरोना की चपेट में बच्चे भी आने लगे हैं। हालांकि अभी कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई है, लेकिन डाक्टरों ने कहा कि लोग कोरोना की जांच भी नहीं कराना चाहते। सर्दी-खांसी और बुखार मौसम की वजह से मानकर लोग जांच करवाने से कतराते हैं, लेकिन अगर जांच करवाएं तो कोरोना के मामले और भी मिल सकते हैं।
14 दिनों में चार बच्चे मिले संक्रमित
जिले में एक जुलाई से लेकर 14 जुलाई तक जिले में चार बच्चे कोरोना से संक्रमित मिले हैं। नौ माह से लेकर 14 वर्ष के बच्चे शामिल हैं। एक जुलाई को शहर के मोहद्दीनगर में 11 वर्ष का बालक, पांच जुलाई को बिहपुर का 14 वर्षीय किशोर, 11 जुलाई को जगदीशपुर पंखंड सालेपुर की आठ वर्षीय बच्ची और 14 जुलाई को सबौर का सात वर्ष का बच्चा कोरोना से संक्रमित मिल चुका है। इसके अलावा 25 जून को हुसैनाबाद की 21 दिन की बच्ची और 28 जून को 11 वर्ष का बालक भी संक्रमित मिला है। वहीं बांका जिला के रजौन की नौ माह की बच्ची की मौत कोरोना से 20 जून को हो चुकी है।
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल शिशु रोग के अध्यक्ष डॉ. आरके सिन्हा ने कहा कि अभी इंफ्लूएंजा की वजह से ज्यादातर बच्चे सर्दी-खांसी और बुखार से पीडि़त हो रहे हैं। बुखार एक सौ डिग्री तक रहता है। मायागंज अस्पताल में ऐसे तीन बच्चों को भर्ती किया गया है, लेकिन कोरोना जांच निगेटिव मिला है। वहीं विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. खलील अहमद ने कहा कि कई स्वजन बच्चों का कोरोना जांच करवाना नहीं चाहते। ऐसे में अगर कोई बच्चा कोरोना से संक्रमित होता है तो अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार सिंघानियां ने कहा कि इंफ्लूंएंजा से प्रतिदिन 10 से 15 बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से कई स्वजन कोरोना जांच नहीं करवाना चाहते।
क्या बरतें सावधानी - बच्चे अगर बीमार हैं तो अन्य लोगों के संपर्क में नहीं रखें। मास्क लगाएं, भीड़ से बचें।