Bihar Police SI Result: स्वाध्याय के बल पर पहले प्रयास में बन गए दारोगा, जानिए... भागलपुर के धीरज की कहानी
Bihar Police SI Result भागलपुर जिले के कहलगांव रानीपुर लगहरिया निवासी धीरज कुमार सिंह अपने पहले ही प्रयास में दरोगा बन गए। अपने गांव के प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत करने वाले धीरज ने एसआर हाई स्कूल मैट्रिक की थी। टीएनबी कॉलेज से इंटर और स्नातक किया।
संवाद सूत्र, कहलगांव (भागलपुर)। Bihar Police SI Result: भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड के रानीपुर लगहरिया निवासी सुलोचना देवी एवं उमेश कुमार सिंह के कनिष्ठ सुपुत्र धीरज कुमार सिंह (22 वर्ष) ने अपने पहले ही प्रयास में दरोगा की परीक्षा उतीर्ण कर अपने परिवार का नाम ऊंचा किया है। धीरज के पिता भी बिहार पुलिस में एएसआई के पद पर गोपालगंज जिले के सिधवलिया थाने में पदस्थापित हैं। धीरज दो भाई और एक बहन में सबसे छोटे हैं। बड़े भाई अभिमन्यु अभी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर हैं। बहन नीलू की शादी बर्नपुर सेल में टेक्नीशियन पद पर कार्यरत सुमन कुमार से हुई है।
धीरज की प्रारंभिक शिक्षा गांव से शुरू हुई। पढ़ाई के उद्देश्य से यह परिवार विगत दस वर्षों से भागलपुर में रह रहा है। धीरज ने एसआर हाई स्कूल से द्वितीय श्रेणी से मैट्रिक की परीक्षा उतीर्ण की। इंटर और स्नातक की पढ़ाई टीएनबी कॉलेज भागलपुर से किया। इंटर प्रथम श्रेणी से जबकि स्नातक द्वितीय श्रेणी से उतीर्ण किया। स्नातक में इनका विषय इतिहास था। स्नातक की पढ़ाई पूरी होते ही दरोगा का फार्म निकला। धीरज प्रथम प्रयास में ही सफल रहे।
शारीरिक परीक्षा में लगभग एक सप्ताह पूर्व इन्हें लिगामेंट इंजरी हुई। फिर भी हौसले के दम पर दौड़ में क्वालीफाई किया। शारीरिक परीक्षा का प्रशिक्षण धीरज ने खेल शिक्षक संतोष कुमार से प्राप्त किया। लगभग दो वर्षों तक पूरे मनोयोग से टीएनबी कॉलेज मैदान में नियमित अभ्यास किया। धीरज ने यह सफलता स्वाध्याय के बूते यह प्राप्त की। वे किसी भी कोचिंग संस्थान से नहीं जुड़े थे।
प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे बड़े भाई अभिमन्यु, डीआरएम ऑफिस धनबाद में चीफ कमर्शियल इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत अरविंद कुमार के मार्गदर्शन एवं कुछ खास मित्रों के सहयोग से इसने तैयारी की। अपनी सफलता का श्रेय भी धीरज इन्हें ही देते हैं। धीरज के रोल मॉडल इनके पिता हैं। धीरज कहते हैं कि जिस उद्देश्य से हमलोग परिवार सहित भागलपुर आये थे वह सफल रहा।