टूटा बारिश का रिकॉर्ड: मिट्टी और फसलों को नया जीवन, कृषि विज्ञानी ने दी यह सलाह
हाल के दिनों में काफी बारिश हुई है। इससे किसानों को लाभ होने की संभावना है। फसलों को नया जीवन मिला है। इसके पहले वर्ष 2014 में हुई थी सर्वाधिक 112.5 मिमी बारिश। 2006 2008 2009 तथा 2012 में तो एक-एक बूंद के लिए तरस गई थी धरती।
जमुई [अरविंद कुमार सिंह]। मई माह में बारिश का रिकॉर्ड इस साल पहले पखवारे में ही टूट गया। अब तक सामान्य वर्षापात 45.7 मिमी से लगभग तीन गुना 125 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। इसके पहले वर्ष 2014 में सर्वाधिक 112.5 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2006, 2008, 2009 तथा 2012 में तो मई माह में एक-एक बूंद के लिए धरती तरस गई थी। वैशाख में सावन जैसी झमाझम बारिश भले अप्रत्याशित लग रहा हो लेकिन कृषि वैज्ञानिकों की नजर में मिट्टी और फसल के लिए यह सेहतमंद है। तात्कालिक तौर पर मूंग की पैदावार में बढ़ोतरी होगी जबकि मूंग के पौधे की वृद्धि का लाभ खरीफ फसल में मिलने के साथ-साथ मिट्टी में कार्बनिक क्षमता बढ़ेगी। नतीजतन मिट्टी में नमी बनी रहेगी और खरीफ फसल में पानी की खपत कम हो जाएगी। यह बारिश गरमा सब्जी सहित आम व अन्य फसलों के लिए मोतियों की बूंदों के समान है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ सुधीर कुमार सिंह कहते हैं कि मई माह में बारिश का भले रिकॉर्ड टूटा हो लेकिन इसे अतिवृष्टि नहीं कहा जा सकता है। यह गरमा तथा खरीफ फसल के साथ-साथ मिट्टी के लिए अत्यंत लाभप्रद है।
मई माह में बारिश का आंकड़ा
2006 - 0.0
2007 - 4.2
2008 - 0.0
2009 - 0.0
2010 - 22.0
2011 - 96.6
2012 - 0.0
2013 - 84.1
2014 - 112.5
2015 - 1.7
2016 - 16.7
2017 - 71.6
2018 - 57.7
2019 - 5.6
2020 - 90.2
2021 - 125.8 (अब तक)
किसानों के लिए सलाह
कृषि वैज्ञानिक डॉ सुधीर कुमार सिंह ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि खेतों प्रर्याप्त नमी बनी है जो नर्सरी तैयार करने के लिए माकूल अवसर है। रोहण नक्षत्र में धान का बिचड़ा गिराने के लिए आवश्यक है कि नर्सरी की जुताई कर लें इससे अनावश्यक उगने वाला कर पतवार नष्ट हो जाएगा। इसके अलावा भदई मक्का, अरहर तथा जानवरों के चारे की बुआई के लिए भी खेतों की अच्छी तरह से जुताई कर लें।
जलस्तर में होगी बढ़ोतरी
13 दिनों में 125 मिमी बारिश से यहां की विभिन्न नदियों सूखे का संकट समाप्त हो गया है और कलकल धारा प्रवाहित होने लगी है। लिहाजा नदी किनारे के गांवों में जलस्तर उपर आने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके साथ जानवरों के लिए भी पीने का पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है।
सांख्यिकी कार्यालय में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष मई माह में रिकॉर्ड 125 मिमी बारिश हुई है। - राघवेन्द्र कुमार दीपक, प्रभारी जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जमुई।