सरकार ने खोला पिटारा, पॉल्ट्री फार्म खोलने का सुनहरा अवसर, इस तरह आप ले सकते हैं लाभ
अगर आप पॉल्ट्री फार्म स्थापित करना चाहते हैं तो आपके लिए सुनहरा मौका है। इसके लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति लाभार्थियों को 50 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है। - स्वलागत एवं प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को दिया जाएगा प्राथमिकता पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लाभार्थियों का होगा चयन
जागरण संवाददाता, बांका। जिले में चिकन और अंड़े की मांग लगातार बढ़ रही है। मांग को देखते हुए एवं कम समय में अच्छी आमदनी होने से लोग इस व्यवसाय से जुड़ने लगे हैं। यहां सबसे अधिक मुर्गी पालन अमरपुर एवं रजौन प्रखंड में किया जाता है। वहीं, सरकार द्वारा मुर्गी पालन को बढ़ावा देने एवं लोगों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत तीन हजार क्षमता के ब्रायलर पॉल्ट्री फार्म पर अनुदान दे रही है। इसमें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को 50 फीसद एवं सामान्य जाति के लाभुकों को 30 फीसद अनुदान दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार समेकित मुर्गी विकास योजना अंतर्गत ब्रायलर पॉल्ट्री फार्म तीन हजार क्षमता के आधारभूत संरचना के निर्माण पर अनुदान दिया जाना है। इसमें फार्म के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। तीन हजार क्षमता वाले पॉल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना निर्माण के लिए कम से कम सात हजार वर्गफीट भूमि की आवश्यकता है। इसमें प्रस्तावित भूमि सड़क के किराने होना चाहिए ताकि परिवहन की सुविधा हो सके।
ऑनलाइन आवेदन के लिए जरूरी कागजात
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए अद्यतन लगान रसीद, एलपीसी, लीज एकरारनामा, नजरी नक्शा, बैंक पासबुक का छाया प्रति, सरकारी संस्थानों से पांच दिवसीय मुर्गी पालन प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र,फोटो, आधार, वोटर आईडी, पैन कार्ड, आवास प्रमाण पत्र एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों के लिए जाति प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य होगा।
पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर मिलेगा लाभ
लाभुकों का चयन स्वलागत एवं प्रशिक्षण को प्राथमिकता के साथ ही पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगा। प्रशिक्षण के संदर्भ में मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों से कुक्कुट पालन में प्रशिक्षण संबंधि प्रामाण पात्र देना होगा।
सामेकित मुर्गी विकास योजना के तहत तीन हजार क्षमता वाले ब्रायलर पॉल्ट्री फार्म स्थापित करने एवं लेयर मु्र्गी पालन योजना के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। इसमें ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन जमा लिया जा रहा है। नियमानुसार अनुदान भी दिया जाएगा। डॉ. ब्रजभूषण बच्चू जिला कुक्कुट पदाधिकारी, बांका