पुलिस की आंखों में धूल झोंक नक्सलियों को मजबूत कर रहा था असगर, उगले कई राज, जानिए
जमुई में पुलिस ने नक्सली असगर गिरफ्तार किया है। पारा शिक्षक असगर नक्सली के लिए काम करते हैं। नक्सली संगठन में निभा रहा था अहम भूमिका। पिछले दिनों पुलिस के सहयोग से विद्यालय में किया था कार्यक्रम। वह गांव भी नहीं आता था।
जागरण संवाददाता, जमुई। जमुई चकाई के रघुसर इलाके से बुधवार को सीआरपीएफ ने एक पारा शिक्षक असगर को गिरफ्तार किया था। उसका संबंध नक्सलियों से था। वह लंबे समय से पुलिस की आंखों में धूल झोंककर नक्सली संगठन को मजबूत कर रहा था। पुलिस का मानना है कि वह संगठन में मजबूत भूमिका निभा रहा था। वह लगातार हरेक गतिविधि की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचाता है।
असगर इतना शातिर था कि पिछले दिनों इसने पुलिस के सहयोग से अपने विद्यालय में सिविक एक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया था। वह स्थानीय पुलिस कैंप में भी आता-जाता था। पुलिस का कहना है कि असगर पर पूर्व में भी दो नक्सली मामले दर्ज थे। पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश थी।
पुलिस के अनुसार 2015 में चकाई थाना के कौनझी में नक्सली पोस्टर एवं पिस्टल बरामद होने के मामले में उसपर एफआइआर दर्ज है। 2020 में भेलवा घाटी थाना के कुल मुंगरी पुल निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ मारपीट कर लेवी मांगने को लेकर भी उसपर एफआइआर दर्ज है। पुलिस लंबे समय से उसे गिरफ्तार करना चाह रही थी, लेकिन पारा शिक्षक रहने के कारण उसकी गिरफ्तारी में देर हुई।
कई ग्रामीणों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि असगर चकाई बाजार से सटे रघुसार इलाके में घर बनाकर रहता था। जंगल से उसका कोई लगाव नहीं था। वह गांव भी नहीं के बराबर आता था। अक्सर वह विभागीय कार्य से प्रखंड कार्यालय व थाना आदि जाता था। गुरुवार को पूछताछ के बाद असगर को पुलिस ने जेल भेज दिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।
असगर की गिरफ्तारी के बाद उसके बारे में गहन छानबीन की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह गुप्त रूप से संगठन को मदद करता था। पुलिस लागातार छापेमारी भी कर रही है। - सुधांशु कुमार, एसपी अभियान, जमुई