होटल के सामने गंजा पीने से मना किया तो चौकीदार के बेटे ने मालिक को पीटा, विरोध में रोड जाम, एएसपी भी फंसे रहे
सहरसा में गांजा पीने से माना किया तो चौकीदारक के बेटे ने होटल मालिक को पीट दिया। इसके बाद होटल मालिक व उनके सहयोगियों ने रोड जाम कर दिया और आरोपित को पकड़ने की मांग करने लगे। जाम के कारण लोग परेशान रहे।
जागरण संवाददाता, सहरसा। बुधवार को बलुआहा चुरा मिल के सामने एक होटल में होटल मालिक द्वारा चौकीदार के पुत्र को गांजा पीने से मना करने पर चौकीदार पुत्र ने अपने सहयोगियों के साथ होटल मालिक व उसके स्वजनों की पिटाई कर दी। पिटाई से आक्रोशित लोगों ने बलुआहा पुल के समीप सड़क जाम कर दिया। जाम में एएसपी भी फंस गये। काफी समझाने-बुझाने के बाद भी लोग शांत नहीं हो रहे थे। पुलिस के कड़े रुख के बाद जाम समाप्त हो सका।
होटल मालिक चंद्र कुमार साव ने बताया कि महिषी थाना के चौकीदार गंगा पासवान के पुत्र नूनू पासवान होटल में गांजा पीने की तैयारी कर रहा था। मना करने पर चौकीदार पुत्र द्वारा उनसे मारपीट शुरू कर दी। जब उनके स्वजन पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई। जिसमें रवि साव, लालो साव,अमेरिका देवी एवं राधे साव बुरी तरह से जख्मी हो गए। घायलों का इलाज महिषी अस्पताल में करवाया जा रहा है। मारपीट की घटना से आक्रोशित लोगों ने पहले दो घंटे तक होटल के समक्ष सड़क जाम कर यातायात बाधित रखा। जिसके बाद बलुआहा पुल को जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे महिषी सीओ देवनंदन ङ्क्षसह, महिषी थानाध्यक्ष राजेश कुमार के नेतृत्व में महिषी थाना और जलई ओपी पुलिस ने समझा बुझाकर जाम हटवाने का प्रयास किया। लेकिन जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने कड़ा रूख अख्तियार कर जाम समाप्त करवाया। इस दौरान एएसआई गोपाल ठाकुर ,पैक्स टोपो के अतिरिक्त शुत्रुघन राय,अनिल कुमार सहित अन्य पुलिस बल उपस्थित थे।
ग्रामीणों ने बताया कि चौकीदार पुत्र अपने दो तीन साथियों के साथ होटल पर आया और गांजा पीने की तैयारी करने लगा। होटल मालिक द्वारा उसे होटल में नशा करने से मना करने पर मारपीट कर चला गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत करा दिया। जिसके बाद चौकीदार पुत्र अपने 10-15 साथियों के साथ होटल पर दुबारा आकर मारपीट की।
जाम में फंसे एएसपी
जाम के दौरान ही एएसपी बलिराम चौधरी इसी मार्ग से पटना जा रहे थे। लेकिन जाम स्थल पर आक्रोशित लोगों ने उन्हें गाड़ी लेकर निकलने नहीं दिया। एएसपी ने लोगों को समझाने की कोशिश की परंतु लोग मानने को तैयार नहीं थे।