सौ फीट गहरे बोरवेल में गिरा मासूम.... फिर जानिए, क्या हुआ आगे
पूर्णिया जिला के भवानीपरु प्रखंड अंतर्गत सोनदीप मिलिक पंचायत के सोनदीप गांव में सोमवार की दोपहर एक मासूम बालक बोरवेल में जा गिरा। घटना की जानकारी होते ही स्वजन एवं ग्रामीण सदमे में आ गए। लेकिन बिना घबराए ग्रामीणों ने मासूम को बोरवेल से निकाला।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया । भवानीपुर प्रखंड क्षेत्र के सोनदीप मिलिक पंचायत के सोनदीप गांव में सोमवार की दोपहर एक मासूम बालक बोरबेल में गिर गया जिससे परिजन एवं ग्रामीण सदमे में आ गए। लेकिन ग्रामीणों की मदद से उसे सकुशल बाहर निकाल लिया गया। मामला प्रखंड क्षेत्र के सोनदीप मिलिक पंचायत का है जहां सोनदीप निवासी मिट़टू ठाकुर का पांच वर्षीय लड़का राजा कुमार खेलने के क्रम में घर के पास सतीश सिंह के बासा पर बने बोरबेल में गिर गया और 100 फीट गहरे बोरबेल में फंस गया।
मां खेत में कर रही थी काम
पीडि़त बच्चे की मां रेणु देवी ने बताया कि वह सोमवार की दोपहर खेत में काम कर रही थी और उसका बेटा राजा गांव के ही कुछ बच्चों के साथ खेल रहा था तभी अचानक पास में बने बोरबेल में गिर गया। उसके साथ खेल रहे बच्चों ने जब गिरते देखा तो शोर मचाना शुरू किया। तब कुछ दूरी पर ही घास काट रही उसकी मां के पता चला कि उसका राजा बोरबेल में गिर गया है। तब वह चिल्लाने लगी तथा आसपास के लोग जमा हो गए।
बोरवेल में 10 फीट की दूरी पर फंसा था मासूम
देखा कि अंदर से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। ग्रामीणों ने टॉर्च जलाकर देखा तो बच्चा का बाल दिखाई दे रहा था। बच्चा करीब 10 फीट की दूरी पर जाकर फंस गया था। लोगों ने उसे निकालने के लिए बोरबेल में रस्सी गिराया पर जगह के अभाव में बच्चा हिल नहीं सकता था। इसके बाद लोगों ने बोरबेल से लागभग 15 $फीट की दूरी पर कुदाल से मिट्टी हटाना शुरू किया। बाद में स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से जेसीबी मशीन से रास्ता बनाया और 10 फीट गहराई में समांतर रास्ता बनाकर राजा को बाहर निकाल लिया।
सामूहिक प्रयास से बचाई गई मासूम की जान
घटना की खबर सुनते ही भवानीपुर अंचलाधिकारी रिजवान आलम, प्रशिक्षु डीएसपी धीरज कुमार, एसआई सुजीत सिंह, सोनदीप मुखिया मनोज सिंह, धनंजय सिंह, नवीन सिंह के आलाव सैकड़ों की संख्या में बोरबेल से बाहर आए बच्चे को देखने पहुंचे। जब मासूम को सुरक्षित बोरवेल से निकाल लिया गया तब जाकर मासूम के स्वजन सहित गांव के लोगों को सुकून मिला। ग्रामीणों की हिम्मत और जनप्रतिनिधियों के सार्थक प्रयास से बच्चे की जान बच गई।