खेती-बारी घाटे का सौदा नहीं, सहरसा की जीविका दीदी ब्रोकोली की खेती कर लिख रही खुशहाली की गाथा
सहरसा के जीविका दीदियो ने ब्रोकली की खेती का अभिनव प्रयास शुरू किया है। बाजार में ब्रोकली की मांग ज्यादा होने से उन्हें अपने उत्पाद का बेहतर बाजार मूल्य भी मिल रहा है। वह समाज को अब आत्मनिर्भरता का राह भी दिखा रही है।
सहरसा [कुंदन कुमार] । कोसी क्षेत्र में जीविका समूह के सहयोग से महिलाएं नित्य अभिनव प्रयोग कर रही है। अब जीविका से जुड़ी इस इलाके की ग्रामीण महिलाएं ब्रोकोली की खेती कर अपना किस्मत संवारने में जुटी है। ब्रोकोली की मांग अब महानगरों के साथ- साथ स्थानीय बाजार में भी होने लगी है। इससे महिलाओं को अन्य सब्जी की खेती की तरह उतनी ही मेहनत पर अच्छी आमदनी होने लगी है। इससे जहां इन महिलाओं के परिवार में खुशहाली आ रही है, वहीं इलाके के आर्थिक उन्नयन की संभावना प्रबल हो गई है।
महिलाओं को खेती के लिए किया जा है प्रशिक्षित
ब्रोकोली की मांग को देखते हुए जीविका से जुड़ी महिलाएं समूह से ऋण प्राप्त कर इसकी खेती में जुड़ रही है। प्रथम चरण में जिले के कुछ पंचायतों की महिला किसानों ने अपनी बदौलत इसकी खेती प्रारंभ किया, जिसका सार्थक परिणाम सामने आया। अब बड़ी संख्या में महिलाएं इस ओर आकर्षित हो रही है। महिला किसान सफलता पूर्वक ब्राेकोली की खेती कर रहे, इसके लिए जीविका समूह द्वारा महिलाओं को खेती का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
सेहत के लिए भी फायदेमंद है ब्रोकोली
चिकित्सकों का मानना है कि ब्राकोली अन्य सब्जी की अपेक्षा सेहत के लिए अधिक फायदेमंद है। डा. विनय कुमार सिंह कहते हैं कि इसमें कई पोषक तत्व पाया जाता है। यह कई बीमारियों से बचाने के साथ ब्रेस्ट कैंसर, और प्रोस्टेट कैंसर के भी खतरे को कम करती है। अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने और वजन कम करने की इच्छा रखनेवाले के लिए यह एक बेहतर विकल्प भी है। इसे पका और कच्चा भी खाया जाता है, परंतु उबाल कर खाना ज्यादा फायदेमंद है। इस सब्जी में आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, काब्रोहाईड्रेट, क्रोमोयम, विटामिन ए और सी पाया जाता है। इस लिहाज से इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
क्या कहते हैं जीविका के डीपीएम
जीविका के डीपीएम अमित कुमार ने कहा कि ब्रोकोली की खेती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। आनेवाले दिनों में बड़ी संख्या में महिलाएं इस खेती से जुड़ेंगी, इससे जहां महिलाओं को लाभ होगा, वहीं क्षेत्र का भी आर्थिक उन्नयन होगा।