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प्रदीप राय हत्याकांड : 12 लोगों पर हत्या का मुकदमा, पॉकेटमार का बेटा कहने पर हुआ था विवाद

Pradeep Rai murder case तातारपुर के रामसर में पिटाई से जख्मी युवक की इलाज के दौरान हो गई थी मौत। पॉकेटमार का बेटा कहने का विरोध करने पर हुआ था विवाद। पुलिस ने इस मामले में एक को पकड़ा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 11:55 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 11:55 AM (IST)
प्रदीप राय हत्याकांड : 12 लोगों पर हत्या का मुकदमा, पॉकेटमार का बेटा कहने पर हुआ था विवाद
Pradeep Rai murder case : हत्‍याकांड की जांच करने पहुंची पुलिस।

भागलपुर, जेएनएन। पांच दिन पूर्व पिटाई से जख्मी तातारपुर थाना के रामसर निवासी प्रदीप राय (22) की इलाज के दौरान रविवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई थी। सोमवार को प्रदीप के भाई छोटू मंडल के बयान पर महादलित टोला के केदार राम, गोरखा राम, करका राम, उमेश हरि, बादल हरि, नागो हरि समेत पांच-छह अज्ञात के खिलाफ केस किया गया। मामले में केदार नामक युवक को पूछताछ के बाद पुलिस ने छोड़ दिया।

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छोटू के अनुसार उसका भाई प्रदीप शाह मार्केट स्थित दुकान से काम कर घर लौटा था। इसी दौरान आरोपितों ने प्रदीप पर हमला कर दिया। लात-घुसे और बेल्ट से पिटाई कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। बीच-बचाव करने में मां रीता देवी, बहन काजल, करण हरि को भी चोटें आईं। प्रदीप को गोरखा पॉकेटमार का बेटा कहने पर विवाद हुआ था। इसका प्रदीप ने प्रतिकार किया था। रीता देवी ने बताया कि पति राजेंद्र मंडल बहुत पहले पॉकेटमारी के आरोप में जेल गए थे। 15-16 साल पहले पति की मृत्यु हो चुकी है। पिता के बारे में बार-बार इस तरह की छींटाकशी करने पर पुत्र को गुस्सा आना स्वाभाविक था। प्रदीप का भाई छोटू और मंगला घर के पास ही दुपहिया गाड़ी की मरम्मत का काम करते हैं। प्रदीप की कमाई से ही घर का खर्च चलता था। प्रदीप ने विवाहिता से प्रेम विवाह किया था। उसे दो बच्चे हैं। पत्नी गर्भवती है।

इधर, महादलित टोला के लोगों का कहना था कि प्रदीप नशे की हालत में सड़क पर घूम रहा था। इसको लेकर मनोज हरि से उसका विवाद हुआ था। मनोज ने प्रदीप को धक्का देकर गिरा दिया, जिसके बाद मारपीट में प्रदीप गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।

सोमवार को घटनास्थल की जांच के बाद पुलिस ने बताया कि प्रदीप नशेड़ी था। नशे की हालत में अक्सर पत्नी से  झगड़ा करता था। प्रदीप के साथ मारपीट की घटना को स्वजन पांच दिन तक छिपाकर रखे थे। इधर-उधर प्रदीप का इलाज करवा रहे थे। बहरहाल, सीसीटीवी फुटेज से घटना में संलिप्त हमलावरों की पहचान की जा रही है। आवेदन में घटना के कारणों का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। तातारपुर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि जिस केदार को थाना लाया गया था वह आरोपित नहीं है। उसका सही नाम केदार सिंह है। वह फूल-माला की बिक्री का काम करता है। पूछताछ के बाद उसे देर शाम छोड़ दिया गया। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। आरोपित उमेश हरि चोरी मामले में हाल में जेल से बाहर निकला है। 


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