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90 करोड़ खर्च के बाद भी भागलपुर एनएच 80 दे रहा दर्द, विभाग और ठेकेदार के लिए कामधेनु बनी सड़क

भागलपुर में 90 करोड़ खर्च के बाद भी भागलपुर एनएच 80 की स्थिति काफी दायनीय है। दो साल में ही सबौर-रमजानीपुर व पीरपैंती-मिर्जाचौकी सड़क दयनीय हुई। सड़क निर्माण के नाम पर विभाग और ठेकेदार रुपये की लूट कर रहे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 09:25 AM (IST)
90 करोड़ खर्च के बाद भी भागलपुर एनएच 80 दे रहा दर्द, विभाग और ठेकेदार के लिए कामधेनु बनी सड़क
भागलपुर में जर्जर एनएच 80। सड़क निर्माण के नाम पर लूट।

भागलपुर, जेएनएन। करोड़ों खर्च के बाद भी सबौर से मिर्जाचौकी के बीच एनएच 80 की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जर्जर सड़क पर चलने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों के कल-पुर्जे ढीले हो जाते हैं। 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटे का समय इस सड़क पर लग रहा है। यूं कहा जा सकता है कि विभाग और ठेकेदार के लिए यह सड़क कामधेनु बन गई है।

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60 किलोमीटर सड़क के निर्माण में तीन साल में 90 करोड़ रुपये खर्च किए गए। दो साल में ही सड़क ने दम तोड़ दिया। सबौर इंजीनियरिंग कॉलेज से रमजानीपुर के बीच 48 करोड़ की लागत से सड़क व मसाढ़ू पुल के निर्माण का टेंडर पलक इंफ्रा को मिला था। अभियंता द्वारा गुणवत्ता की जांच के बाद सबौर से रमजानीपुर तक सड़क निर्माण के एवज में विभाग द्वारा 35 करोड़ रुपये भुगतान किया गया। बनने के कुछ दिन बाद ही सड़क टूटने लगी। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए। इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद डीएम प्रणव कुमार के निर्देश पर सड़क की मरम्मत कराई गई। छात्रों के आंदोलन को शांत करने के लिए जैसे-तैसे सड़क की मरम्मत तो कराई गई, लेकिन छह माह बाद ही सड़क खराब हो गई। इस दौरान मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति होती रही। नतीजतन, सड़क में अनगिनत बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। आमापुर और शाहपुर के बीच पांच किलोमीटर सड़क तो पूरी तरह बर्बाद हो गई है। इसपर चार से पांच फीट के गड्ढे बन गए हैं। सड़क पैदल चलने के लायक नहीं है। गड्ढों पर जलजमाव के कारण गाडिय़ां दुर्घटनाग्रस्त हो रही हैं। हाल ही में इस सड़क पर एक ट्रक पलट गया था। इस सड़क के निर्माण में पांच करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए थे।  

वहीं पीरपैंती से मिर्जाचौकी के बीच 23  करोड़ रुपये खर्च कर सड़क बनाई गई थी। निर्माण के एवज में विभाग द्वारा ठेकेदार दयानंद को 17 करोड़ रुपये भुगतान भी किया गया। सड़क की गुुणवत्ता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यह दो साल भी नहीं चल सकी। मरम्मत कर सड़क चलने लायक बना दी गई। कुछ दिन बाद ही वाहनों के दबाव में शाहबाद, पत्थल खान, योगियाताल, पकडिय़ा, ईश्वरनगर, मंजरोही व मकरंदपुर के पास सड़क खराब हो गई। अब सड़क नए सिरे से बनाई जाएगी। इसमें 160 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इधर, 134.80 करोड़ की लागत से सबौर से घोघा पक्की सराय के बीच 14 किलोमीटर लंबी व 15 मीटर चौड़ी पीसीसी सड़क बनाई जाएगी। फ्लैंक (सड़क का किनारा) को नुकसान से बचाने के लिए 16 एमएम की छड़ का उपयोग किया जाएगा। सड़क के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर फुटपाथ व जलजमाव की समस्या के समाधान के लिए ढक्कन युक्त नाला का निर्माण होगा। बाढग़्रस्त क्षेत्र होने के कारण डेढ़ फीट ऊंंची सड़क बनाई जाएगी। पीरपैंती से मिर्जाचौकी के बीच सड़क को खोदकर नए सिरे से सड़क बनाई जाएगी। बिटुमिनस (अलकतरा) सड़क बनेगी। इस सड़क के निर्माण में 25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।   

मुंगेर से मिर्जाचौकी के बीच नए सिरे से सड़क बनेगी। मंत्रालय से 951 करोड़ की राशि स्वीकृत हो चुकी है। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सड़क निर्माण की दिशा में पहल तेज की जाएगी। इससे पूर्व मरम्मत कर सड़क को चलने लायक बनाया जाएगा। - मनोरंजन कुमार पांडेय, कार्यपालक अभियंता, एनएच विभाग। 


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