Kosi: चचरी पुल के सहारे आ-जा रहे तीन पंचायत के लोग, हर चुनाव में केवल मुद्दा बनकर रह जाता है यह पुल
डंडखोरा प्रखंड की तीन पंचायतों की 40 हजार की आबादी लंबे अरसे से पहारपुर घाट पर पुल निर्माण की मांग करती है। लेकिन अब तक इसके लिए कोई पहल नहीं किया गया है। केवल यह चुनावी मुद्दा ही बनकर रह जाता है।
कटिहार [प्रदीप गुप्ता]। डंडखोरा प्रखंड का पहारपुर घाट हर चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनता रहा है, लेकिन आजतक इस वादा को पूरा करने को लेकर पहल नहीं हो पाई है। डंडखोरा प्रखंड के तीन पंचायत के लोग आवागमन की दुरुह समस्या झेलने को विवश है। तीन पंचायतों की 40 हजार की आबादी हर चुनाव में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाती रही है और प्रत्याशी हर चुनाव में आश्वासन का घूंट पिलाकर चुनावी सफर तय करते रहे हैं, लेकिन इस दिशा में पहल को लेकर अबतक किसी स्तर से प्रयास नहीं किया गया है।
विवशता ऐसी की दो किलोमीटर की दूरी के बदले लोग 10 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करने को विवश हो रहे हैं। पहारपुर घाट पर पुल निर्माण की मांग को लेकर लोग आंदोलन से लेकर धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल तक कर चुके हैं। लेकिन हर बार बस उन्हें आश्वासन ही मिलता रहा है। पुल की समस्या के कारण लोग चचरी पुल के सहारे आवागमन करने को विवश होते हैं, लेकिन बाढ़ व बरसात के दौरान यह भी कारगर नहीं हो पाता है।
चचरी पुल के सहारे ही विद्यालय पहुंचते हैं बच्चे
बताते चलें कि चचरी पुल के सहारे ही आमलोग पंचायत, प्रखंड मुख्यालय, अस्पताल, थाना से लेकर पीडीएस डीलर के यहां पहुंचते हैं। जबकि खतरों के बीच ही बच्चे विद्यालय तक का सफर करते हैं। तीन पंचायतों के लोगों की यह बड़ी पीड़ा नासूर बन चुकी है। लेकिन इसके समाधान का प्रयास नहीं हो पाया है। इस चुनाव में भी यह प्रमुख मुद्दा बनेगा लेकिन इसे किनारा मिलने की उम्मीद में अब भी लोग टकटकी लगाए बैठे हैं।
तीन पंचायत के साथ तीन प्रखंडों के लिए है महत्वपूर्ण
बताते चलें कि पुल निर्माण नहीं होने के कारण डंडखोरा, रायपुर, महेशपुर पंचायत के लोगों की परेशानी चरम पर है। जबकि अगर पुल का निर्माण हो जाता है तो डंडखोरा प्रखंड के अलावा प्राणपुर व कदवा प्रखंड की बड़ी आबादी को आवागमन का सुगम मार्ग होगा। महत्वपूर्ण इस पुल को लेकर किसी स्तर से प्रयास नहीं होना लोगों को खलता है।
रायपुर पंचायत के भोला कुमार, आशीष झा, महेशपुर के प्रदीप मंडल, सुबोल कुमार, बैजनाथ आदि ने बताया कि पहारपुर घाट पर पुल निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है। गत चुनाव में भी पुल निर्माण का वादा किया गया था, जो पूरा नहीं हो पाया है। पुल के अभाव में बड़ी आबादी वर्षों से परेशानी झेल रही है। अबकी वे इसी मुद्दे को लेकर नेताजी से सवाल करेंगे। उनकी पीड़ा को लेकर आजतक किसी ने सकारात्मक पहल नहीं की है। जबकि 2017 में अन्य पुल के भी ध्वस्त होने के कारण बड़ी आबादी आगवामन की पीड़ा झेल रही है।