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कारगिल युद्ध : कई पाकिस्‍तानी सैनिकों को मारते हुए हो गए थे शहीद, बरसी पर रतन सिंह को किया नमन

Anniversary of Kargil war भागलपुर के नवगछिया इलाके के रतन सिंह कार‍गिल युद्ध में शहीद हो गए थे। अपनी शहादत के पहले उन्‍होंने कई पाक सैनिकों को मार डाला था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 12:03 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 12:03 PM (IST)
कारगिल युद्ध : कई पाकिस्‍तानी सैनिकों को मारते हुए हो गए थे शहीद,  बरसी पर रतन सिंह को किया नमन
कारगिल युद्ध : कई पाकिस्‍तानी सैनिकों को मारते हुए हो गए थे शहीद, बरसी पर रतन सिंह को किया नमन

भागलपुर, जेएनएन। 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को धूल चटाते हुए बिहार रेजिमेंट के हवलदार रतन सिंह दो जुलाई को शहीद हो गए थे। उनके शहादत दिवस पर पैतृक गांव नवगछिया के तिरासी में स्मारक पर ग्रामीणों एवं स्वजनों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर आयोजित सभा में शहीद रतन सिंह के पुत्र रूपेश कुमार ने कहा कि मेरे पिता ने देश के लिए अपनी शहादत दी थी। ये मेरे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

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30 जून से दो जुलाई तक चली थी लड़ाई, मारे गए थे कई पाकिस्तानी सैनिक 29 जून 1999 की मध्य रात्रि में बिहार रेजिमेंट को पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाने के उद्देश्य से कमान सौंपी गई थी। 30 जून से दो जुलाई तक चली भीषण लड़ाई में दो पाकिस्तानी कमांडो और कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस लड़ाई में बिहार रेजिमेंट के दस सैनिक घायल हुए थे। जबकि हवलदार रतन सिंह दुश्मनों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे। 15 अप्रैल 1959 को रतन सिंह का जन्म हुआ था। बिहार रेजिमेंट केंद्र से बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त कर पदस्थापित हुए थे। सेवा काल के दौरान मुख्यालय 42 पैदल ब्रिगेड तथा 46 बंगाल बटालियन एनसीसी में भी पदस्थापित रहे।

देश को गौरवान्वित करते हैं यहां के सैनिक

अखिल भारतीय आंतकवाद निरोधक दस्ता के अध्यक्ष मनिंदर जीत सिंह बिट्टा ने कहा कि वे शहीद रतन सिंह के 18वें शहादत दिवस पर उन्हें सलामी देने पहुंचे थे। उन्होंने शहीद रतन सिंह की पत्नी मीना देवी व उनके पुत्र रुपेश कुमार व ब्रजेश कुमार को मोमेंटो देकर सम्मानित किया।

पाक को जवाब गोलियों से ही दिया जाएगा

बीएस बिट्टा ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान को हमलोग कई बार सबक सिखा चुके हैं। गोलियों का जवाब गोलियों से ही दिया जाता है। दो जुलाई 1999 को हवलदार रतन सिंह कारगिल पर्वत पर पाक समर्थित आतंकियों से लड़ते-लड़ते  रतन सिंह शहीद हुए थे।


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