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तस्करों के लिए मुफीद बना है मुंगेर, पूरी हो जाती मनचाहे हथियारों की हसरत

मुंगेरिया कारीगर को अत्‍याधुनिक हथियार बनाने दक्ष हैं। कोरोना काल में रेल मार्ग बंद रहने से सड़क मार्ग से हथियार की तस्‍करी की जा रही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 09:12 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 09:12 AM (IST)
तस्करों के लिए मुफीद बना है मुंगेर, पूरी हो जाती मनचाहे हथियारों की हसरत
तस्करों के लिए मुफीद बना है मुंगेर, पूरी हो जाती मनचाहे हथियारों की हसरत

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। विदेशी हथियारों की शक्ल देख भर लेने के बाद उसकी हूबहू कापी बनाने में मुंगेरिया कारीगरों की महारत ही तस्करों को लुभाती रही है। पुलिस की चौकसी, ताबड़तोड़ छापेमारी के बावजूद मुंगेर में अवैध हथियार निर्माण चालू है। लोदीपुर में 26 जून 2020 को शिक्षक प्रदीप रविदास की कार्बाइन के साथ गिरफ्तारी तो महज संयोग है। वरना सड़क और रेल मार्ग से तस्कर बड़े पैमाने पर मेड इन मुंगेर हथियार देश के कई हिस्सों में ले जाते हैं। कोरोना काल में रेलगाडिय़ों की आवाजाही बंद है, नतीजा सड़क मार्ग से तस्करी की जा रही है।

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वर्ष 2018 में जबलपुर से चोरी हुई एके 47 तो पड़ी थी बड़ी दबिश

वर्ष 2018 में जब सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो (जबलपुर) में 70 से अधिक एके-47 की चोरी उजागर हुई तो मुंगेर में बड़ी दबिश दी गई थी। दबिश में ही मुंगेरिया कारीगरों की चतुराई सामने आई। यहां लोकल मेक की एके-47 तैयार किये जाते रहे हैं। रूसी मेक की एके-47 हो या देश में बनी एके-47 यहां के कारीगर हूबहू कापी तैयार कर देते थे। यहां तब दबिश में बरामद एके-47, कार्बाइन, इंसास आदि से यह तथ्य उजागर हुआ। एनआइए की जांच में भी कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई। बड़ी दबिश बाद मुंगेरिया कारीगर भूमिगत हो गए थे। उनके लौटते ही फिर हथियार तस्करी का बाजार गरम हो गया है। कहा जा रहा है कि एके-47, इंसास, एसएलआर, कारबाइन, राइफल, पिस्टल बनाने में माहिर कारीगर पुलिस दबिश भर ही भूमिगत रहते। उनके तार पुलिस महकमे से भी जुड़े हैं। कई पुलिसकर्मियों की भूमिका भी उजागर हो चुकी है। दबिश बढ़ती तो ये कारीगर भागलपुर, खगडिय़ा, कटिहार, पूर्णिया समेत सीमांचल के अररिया, किशनगंज और फारबिसगंज और झारखंड के धनबाद में शरण ले लेते हैं।

रूसी मेक हो या लोकल मेड  जल्द निकाल लेते सबका जुगाड़

अवैध हथियारों के निर्माण में मुंगेर जिले के बरदह गांव के कारीगरों की जुगाड़ बड़े-बड़े हथियार सौदागरों को धंधे से चलता कर दिया। खुद का धंधे पर कब्जा बरकरार रखा। बिहार के बेगूसराय, लखीसराय, मोकामा, मुजफ्फरपुर, बेतिया,चंपारण, गोपालगंज, दरभंगा, पूर्णिया, फारबिसगंज, अररिया, किशनगंज के अलावा झारखंड के धनबाद, जमशेदपुर, उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, गाजीपुर, वाराणसी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद में मुंगेर से घातक हथियार की आपूर्ति किए जाने की चर्चा है।

रूसी एके-47 की नकल कर मुंगेर के बरदह गांव में तैयार लोकल मेड 47 की खरीद करने वालों को उसके कल-पुर्जे की डिमांड होने पर कल-पुर्जे तक की आपूर्ति किए जाने की बात सामने आ चुकी है। रूसी एके-47 हो या लोकल मेड, ऐसे हथियारों के खराब होने पर झट से यहां के कारीगर उसके पार्ट्स भी तैयार कर फिट कर देते हैं। हथियारों के लॉक लीवर, बैरल पिन, बैरल बुशिंग लॉक स्प्रिंग, रियर साइड लीफ स्प्रिंग, रियर साइड बेस लॉक स्प्रिंग जैसे पार्ट्स आसानी से तैयार कर दिए जाते हैं।


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