पीपीआइ पोषाक मिलने तक जूनियर डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के जूनियर डॉक्टरों ने आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी नहीं करने का निर्णय लिया है।
भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के जूनियर डॉक्टरों ने आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी नहीं करने का निर्णय लिया है। डॉक्टरों ने अपने निर्णय से अस्पताल अधीक्षक को भी अवगत करा दिया है। डॉक्टरों ने कहा कि पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वीटमेंट (पीपीआइ) मिलने के बाद ही वे लोग ड्यूटी करेंगे। आइसोलेशन वार्ड में जूनियर डॉक्टर 28 मार्च से ही ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। 25 मार्च से 31 मार्च तक 14 डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में दी गई थी। इसके बाद एक अप्रैल से सात अप्रैल तक भी जूनियर डॉक्टरों को ड्यूटी दी गई थी। डॉक्टरों ने कहा कि वे लोग आइसोलेशन वार्ड में जाएंगे ही नहीं। डॉक्टरों के इस निर्णय से अस्पताल प्रशासन भी सकते में है। आइसोलेशन वार्ड में अभी कोरोना वायरस के चार पॉजेटिव और 14 संदिग्ध मरीज हैं। जूनियर डॉक्टर एचआइवी किट पहनकर कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रहे थे। जूनियर डॉक्टर से ड्यूटी नहीं लेने का निर्देश
27 मार्च को स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के प्राचार्य और अधीक्षक को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पीजी कर रहे छात्र और जूनियर डॉक्टरों को आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी नहीं दी जाए। कोट :
आइसोलेशन विभाग में सीनियर डॉक्टरों को ड्यूटी दी जाएगी। पीपीआइ किट शीघ्र ही सरकार अस्पताल को मुहैय्या कराएगी।
डॉ. आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच