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Corona effect : रिश्तों का 'एंटिना' फिर घुमा गया 'रामायण' और 'महाभारत'

Corona effect लॉक डाउन में लोगों को घर में आनंद से रहने के लिए सरकार ने दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत के प्रसारण का निर्णय लिया है। शनिवार से ही इसका प्रसारण हो रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 10:29 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 10:29 AM (IST)
Corona effect : रिश्तों का 'एंटिना' फिर घुमा गया 'रामायण' और 'महाभारत'
Corona effect : रिश्तों का 'एंटिना' फिर घुमा गया 'रामायण' और 'महाभारत'

भागलपुर [संजय कुमार सिंह]। करीब 33 साल बाद फिर वही सन्नाटा। दुकानें बंद। सड़क पर एक भी आदमी नहीं और घरों से आ रही मधुर आवाज-सीता राम चरित अति पावन, मधुर सरस अति मन भावन...। सुबह नौ बजे लोग टीवी के सामने ठीक उसी तरह बैठे थे, जैसे 33 साल पहले। डीडी नेशनल पर रामायण का प्रसारण दिन में दो बार किया जा रहा है। सुबह नौ बजे और रात नौ बजे। वहीं, डीडी भारती पर महाभारत का भी दिन में दो बार प्रसारण हो रहा है। दोपहर 12 बजे और शाम सात बजे। रविवार की सुबह रामायण पर लोगों ने अहिल्या उद्धार और पुष्प वाटिका प्रसंग देखा।

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कोरोना को मात देने के लिए हर ओर लॉकडाउन के बीच दूरदर्शन ने धारावाहिक रामायण और महाभारत का प्रसारण फिर से शुरू किया है। उस समय भी इसी तरह का सन्नाटा पसरा होता था। तब रविवार को आस-पड़ोस तक टीवी वाले घरों में सिमट आता था। फर्क बस इतना कि तब गिने-चुने घरों में ब्लैक एंड व्हाइट टीवी होते थे। तीस-चालीस फीट पर टंगा एंटिना घुमाना पड़ता था और आज घर-घर एलइडी टीवी है। एंटिना घुमाने की जरूरत नहीं। लेकिन कोरोना संकट के ही कारण सही, रिश्तों का एंटिना फिर उसी दौर में घूम गया है।

तिलकामांझी के आनंदगढ़ निवासी सेवानिवृत बैंक मैनेजर पीके वैद्य कहते हैं यह तो सोचा भी नहीं था कि कभी फिर इस तरह रामायण धारावाहिक देख पाएंगे। अभी घर में माता-पिता, दोनों बेटियां और उनके बच्चे भी आए हुए हैं। चार पीढिय़ां एक साथ टीवी के सामने फिर बैठी हैं। पहली बार ऐसा हुआ। श्री वैद्य के माता-पिता भावविभोर थे। उनकी यादों में उस दौर की यादें कौंध रही थी तो मोबाइल युग के श्री वैद्य के नाती-नातिन की उत्सुकता भारतीय संस्कृति-संस्कार को समझ रही थी। वे दादी से सीता मइया और प्रभु राम के बारे में पूछ रहे थे। धारावाहिक खत्म होने के बाद भी कहानियां चलती रहीं, ठीक वैसे ही जैसे 33 साल पहले हुआ करता था।

भागलपुर जिले के लालूचक अंगारी इशाकचक स्थित माधव सदन में शुक्ला परिवार ने अपनी तीन पीढ़ियों के साथ मिलकर दूरदर्शन नेशनल और दूरदर्शन भारती पर प्रसारित रामायण और महाभारत धारावाहिक को देखा। इस दौरान सभी अपनी पुरानी यादों में खो गए थे। 

 

इसी तरह व्यवसायी लक्ष्मी धरजोशी की तीन पीढिय़ां साथ-साथ रामायण देख रही थी। धरजोशी कहते हैं, पहले वाली बात अब कहां रहीं। कहां किसे फुर्सत है। आज यह धारावाहिक फिर शुरू हुआ तो लग रहा है सारी यादें एक साथ लौट आई। वह वक्त लौट आया। बिहपुर बाजार के परमेश्वर साह कहते हैं, काश वक्त का पहिया फिर पीछे घूम जाता। इस मॉडर्न जमाने को यहीं रोक देते। लगभग ऐसी ही भावनाएं और भी लोगों की थी, जिन्होंने तब इस तरह रामायण देखी थी और आज की पीढ़ी को बता रहे थे कि किस तरह लोग एक साथ बैठते थे।


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