एक क्लिक में मिलेगी देश के कुख्यातों की कुंडली, क्राइम, कोर्ट, जेल में चल रही तेजी से कवायद Bhagalpur News
वन क्राइम वन डाटा का उद्देश्य इंटर ओपेरेवल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आइसीजेएस) के तहत पूरे देश में अपराधियों का एक डाटा तैयार करना है। लोगों को न्याय दिलाने में सहूलियत हो।
भागलपुर [बलराम]। 'वन क्राइम वन डाटा' के तहत अब पूरे देश में अपराधियों का एक ही डाटाबेस होगा। इससे देश के किसी भी कोने में अपराध करने वालों की कुंडली एक जगह मिल जाएगी। इसमें पुलिस, अभियोजन, जेल व न्यायालय को जोड़ा जाना है। इस प्रोजेक्ट को लांच कर बिहार देश का पहला राज्य बनने की दिशा में कई कदम आगे बढ़ा चुका है। इसके लिए उक्त विभागों में तेजी से डाटा जमा करने का काम चल रहा है। सूबे में जेल आइजी मिथिलेश मिश्रा ने इसकी शुरुआत की घोषणा कर दी है।
आइसीजेएस के तहत हो रही तैयारी
'वन क्राइम वन डाटा' का उद्देश्य इंटर ओपेरेवल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आइसीजेएस) के तहत पूरे देश में अपराधियों का एक डाटा तैयार करना है। इससे एक क्लिक में किसी भी राज्य के किसी भी जिले के अपराधी की कुंडली एक जगह मिल जाएगी। लोगों को न्याय दिलाने में सहूलियत हो। इस नेटवर्किंग सिस्टम के जरिये एक विभाग दूसरे विभाग में हो रहे कामकाज से वाकिफ होता रहेगा।
क्या होगा फायदा
जेल आइजी ने बताया कि इस सिस्टम के लिए एक सॉफ्टवेयर होगा। जिसमें पुलिस और जेल समेत अन्य विभाग जुड़े रहेंगे। सभी अपना डाटा उस सॉफ्टवेयर के जरिये आइसीजेएस के तहत वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। अपराधियों की गिरफ्तारी के समय ही उसका नाम, पता, आपराधिक इतिहास सॉफ्टवेयर में फीड हो जाएगा। उसके डाटा को कोर्ट और जेल के सॉफ्टवेयर में फीड किया जाएगा। जमानत पर बाहर आने के बाद भी उसकी इंट्री सॉफ्टवेयर की जाएगी। पुलिस को भी पता रहेगा कि फलां अपराधी जेल से बाहर है। इसका केंद्रीयकृत डाटा दिल्ली एनआइसी में होगा। यदि अपराधी दूसरे राज्य में भी अपराध करता है तो उसकी जानकारी आसानी से मिल जाएगी।
वन क्राइम वन डाटा व्यवस्था अपराध नियंत्रण और न्याय प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगी। बिहार पहला राज्य बनेगा जहां इसकी शुरुआत होगी। इसके लिए काफी तेजी से काम चल रहा है। - मिथिलेश मिश्रा, जेल आइजी, बिहार