विक्रमशिला महोत्सव : आम लोगों की बढ़ी सहभागिता, तीन दिनों का हो महोत्सव Bhagalpur News
जिला प्रशासन ने विक्रमशिला महोत्सव में आम लोगों सहभागिता बढ़ाने को कहा है। इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बैठकें की।
भागलपुर, जेएनएन। विक्रमशिला महोत्सव में आम लोगों की सहभागिता के लिए अनुमंडल पदाधिकारी सुजय कुमार सिंह ने अंतीचक उच्च विद्यालय परिसर में पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठक की। इलाके के लोगों से सहयोग कर हिस्सेदारी लेने की अपील की। पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन करने और भव्य रूप देने की मांग की। ओरियप पंचायत के मुखिया त्रिभूवन शेखर झा ने बटेश्वर स्थान पर 28 फरवरी की संध्या गंगा महाआरती कराने की मांग की, जिसका सभी ने समर्थन किया। एसडीओ ने कहा कि तीन दिवसीय महोत्सव के लिए जिलाधिकारी से बात करेंगे। बैठक में एसडीपीओ रेशू कृष्णा, सीओ मु. मोइद जिया, बीडीओ विजय कुमार सौरभ, इंस्पेक्टर अजित कुमार सिंह, मुखिया ललिता देवी, त्रिभूवन शेखर झा उर्फ बाबू झा आदि मौजूद थे। बैठक के बाद एसडीओ और एसडीपीओ ने विक्रमशिला महाविहार के सामने महोत्सव आयोजन स्थल हेतू पर्यटन विभाग द्वारा अर्जित जमीन का निरीक्षण कर चयन किया। वहीं अनुमंडल कार्यालय में विक्रमशिला महोत्सव की तैयारी को लेकर डीडीसी ने बैठक की। उन्होंने कहा कि समारोह को भव्यता देने के लिए जर्मन हेंडर पंडाल बनेगा। सभी कार्यों का टेंडर होगा। साज सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को स्कूली बच्चों के बीच निबंध, वाद विवाद, चित्रांकन प्रतियोगिता आयोजन की जिम्मेदारी दी गई। डीडीसी ने कहा की दो राष्ट्रीय स्तर के गायक अमित कुमार एवं भरत शर्मा में से किसी एक को बुलाया जायेगा।
विक्रमशिला महोत्सव का उदघाटन मुख्यमंत्री से कराने की मांग
विक्रमशिला रेलवे स्टेशन के निकट विक्रमशिला नागरिक समिति की कार्य समिति बैठक हुई, जिसमें विक्रमशिला महोत्सव को सफल बनाने में सहयोग करने, महोत्सव का उदघाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करवाने की मांग की गई और प्रस्ताव लिया गया। महोत्सव को भव्य बनाने के लिए दीपावली और ईद की तरह सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों एवं जगह जगह सजावट कराने की मांग की गई। सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई। बैठक की अध्यक्षता राज नारायण सिन्हा एवं संचालन डॉ. एनके जायसवाल ने किया। बैठक में प्रखंड प्रमुख नूतन देवी, मुखिया नासरीण परवीन, संगीता देवी, मुनेश्वर गुप्ता, हरेन्द्र यादव, अरविन्द मंडल आदि ने अपने विचार रखे।