नगर निगम : योजनाओं पर कुंडली मार बैठे ठीकेदार होंगे ब्लैक लिस्टेड Bhagalpur News
नगर आयुक्त ने ऐसे ठीकेदारों की पहचान कर दो दिनों में नोटिस भेजने और कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। इसके बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं करेंगे।
भागलपुर, जेएनएन। नगर निगम की योजनाओं पर कुंडली मारकर बैठे ठीकेदारों को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाला जाएगा। निगम के सभागार में लंबित योजनाओं की समस्या के निदान के लिए नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शिनी ने पार्षदों के साथ समीक्षा बैठक की। पता चला कि एक वर्ष से अधिक समय से करीब 35 के करीब योजनाएं लंबित हैं।
नगर आयुक्त ने ऐसे ठीकेदारों की पहचान कर दो दिनों में नोटिस भेजने और कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। इसके बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं करेंगे तो उनकी निविदा रद करने के साथ सिक्यूरिटी राशि भी जब्त की जाएगी। शहर में मुख्यमंत्री सात निश्चय व 14वें वित्त आयोग की करीब 350 से अधिक योजनाओं पर कार्य होना है। नगर आयुक्त ने योजना शाखा प्रभारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 15 दिनों के अंदर एकरारनामा व कार्यादेश निर्गत कर कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। निर्माण स्थल पर प्राक्कलन बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। 10 दिनों के बाद पार्षदों के साथ समीक्षा में अगर शिकायत मिली तो दोषी कर्मी पर कार्रवाई होगी। एक ठेकेदार को आधा दर्जन कार्य लॉटरी से मिलने के मामले पर अंकुश लगेगा। डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कार्यो की जांच के लिए दस्ता गठित करने का सुझाव दिया।
सिटी मैनेजर करेंगे शौचालय निर्माण जांच
शहर में दो मंजिला सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो रहा है। इसमें घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल शिकायत मिल रही है। सिटी मैनेजर को स्थल निरीक्षण कर चार दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
पार्षद के शिकायत पर वार्ड 26 व नौ की होगी जांच
बैठक के दौरान पार्षदों को उनके वार्ड संबंधित योजना की सूची उपलब्ध कराई गई। इसे देख पार्षदों कुछ देर के लिए हैरान रह गए। कई योजनाओं को कार्य पूर्ण की सूची में शामिल कर दिया गया। वार्ड नौ के पार्षद प्रतिनिधि दीपक यादव व वार्ड 26 के पार्षद प्रतिनिधि संजय तांती ने सूची पर सवाल उठाते हुए कहा अधूरे कार्य को पूर्ण की सूची में कैसे शामिल किया गया। वार्ड 20 के प्रतिनिधि गोपाल शर्मा ने कहा प्याऊ का निर्माण नहीं हुआ। नगर आयुक्त ने पार्षदों को भरोसा दिलाया कि कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्षद संजय सिन्हा ने कहा निगम में आदेशों पर अमल नहीं होता है। समीक्षा के नाम समय की बर्बादी हुई है।