ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को जिला स्तर पर मिलेगा प्रशिक्षण
जिले के खिलाड़ियों में दमखम की कमी नहीं है। सीमित संसाधन के बाद भी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर झंडा बुलंद कर रहे हैं।
भागलपुर। जिले के खिलाड़ियों में दमखम की कमी नहीं है। सीमित संसाधन के बाद भी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर झंडा बुलंद कर रहे हैं। पिछले एक दशक में एथलेटिक, खो-खो, वूशू आदि के खिलाडि़यों को राष्ट्रीय पर मेडल मिले हैं। ये बातें बुधवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में भागलपुर प्रमंडल के शारीरिक शिक्षा उपनिदेशक सह जिला खेल अधिकारी प्रमोद कुमार यादव ने कही। वह पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि नए वित्तिय वर्ष में नए तरीके से खेल का विकास किया जाएगा। पहले जिला स्तर पर प्रतियोगिता कराकर टीम बनाई जाती थी, जिससे कई प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिल पाता था। अब प्रखंड स्तर प्रतियोगिता होगी। इसके बाद जिला स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कर टीम गठित की जाएगी। चयनित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सैंडिम में बनेगा खेल सह व्यायामशाला भवन
सैंडिस कंपाउंड परिसर में 6.61 करोड़ की लागत से खेल सह व्यायामशाला भवन का निर्माण होगा। इसका भवन निर्माण निगम लिमिटेड को कराना है। विभाग की ओर से राशि जारी कर दी गई है। वहीं, बांका में पुराने व्यापार मंडल कार्यालय के समीप खेल भवन का निर्माण होना है। काम इसी साल शुरू हो जाएगा। इंडोर हॉल में बैडमिंटन सिंथेटिक कोर्ट लगाया गया है। ताइक्वांडो के लिए मेट की खरीदारी होगी।
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प्रश्न-जिले के खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट में क्या संभावना है?
- बाल्मिकी यादव, गोराडीह
क्रिकेट में काफी संभावना है। स्कूल स्तर से अंडर 14, 17 व 19 आयु वर्ग की प्रतियोगिता शुरू होती है। इसके माध्यम से जिला व राष्ट्रीय स्तर तक खेल सकते हैं। इसके अलावा क्रिकेट एसोसिएशन के माध्यम से प्रतिभावान खिलाड़ी रणजी का सफर तय कर सकते हैं। गोराडीह में स्टेडियम निर्माण की योजना है।
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प्रश्न :- पीरपैंती में खेल संसाधन का अभाव है, इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- ऋषिकेश सिंह, पीरपैंती
पीरपैंती व ख्वाशपुर में एक-एक स्टेडियम का निर्माण कराया गया है। वहां के वालीबॉल, कबड्डी व कुश्ती में महिला खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर झंडा बुलंद किया है। तीनों खेलों के लिए पीरपैंती में कैंप लगाकर प्रशिक्षित किया जाएगा। इशीपुर बाराहाट में बॉक्सिंग रिग उपलब्ध कराया गया है।
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प्रश्न :- हाईस्कूल में खेल की व्यवस्था नहीं है।
-अमित कुमार, मिरजानहाट
- सरकार के निर्देश पर स्कूलों में एक घंटी खेल के लिए निर्धारित की गई है। मिरजानहाट हाईस्कूल में अगर खेल नहीं हो रहा है तो जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर शारीरिक शिक्षक उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
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प्रश्न :- शूटिंग की राष्ट्रीय खिलाड़ी हूं। राइफल नहीं होने से अभ्यास नहीं कर पा रही हूं।
- शांति कुमारी, अलीगंज
- राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ियों को विभाग की ओर से संसाधन और आर्थिक मदद की जाती है। अगर कोई समस्या है तो अपने सार्टिफिकेट और मेडल के साथ मेरे कार्यालय आएं। विभाग को आपकी की समस्या से अवगत कराया जाएगा।
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प्रश्न :-स्टेडियम की सुविधा नहीं है, खिलाड़ियों ाके प्रशिक्षण भी नहीं मिल रहा है।
-मो. बाबर, नवगछिया
नवगछिया के साहु परबत्ता में आउटडोर स्टेडियम है। वहां एकलव्य आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में वालीबॉल, एथलेटिक व तीरंदाजी के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एथलेटिक में नवगछिया के खिलाड़ी को राष्ट्रीय स्तर पर मेडल मिला है।
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प्रश्न :- बांका में एकलव्य सेंटर खोला जाना था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका है।
-अंगद कुमार कुशवाहा, बांका
-बांका में सात फरवरी से एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत होगी। इसी दिन केंद्र में प्रशिक्षण देने के लिए 20 खिलाड़ियों का चयन प्रतियोगिता के मध्यम से होगा। प्रशिक्षक के लिए विज्ञापन निकाला गया है। बांका डीईओ कार्यालय के समीप भवन में खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था होगी, जबकि आरएमके विद्यालय में अभ्यास की व्यवस्था की गई है।
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प्रश्न :- जगदीशपुर में खेल संसाधन का अभाव है।
- मुकेश कुमार, जगदीशपुर
- यहां स्टेडियम निर्माण के लिए प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है। जमीन उपलब्ध कराने के लिए डीएम ने सीओ को निर्देश भी दिया गया है। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। 400 मीटर और 300 मीटर रनिंग ट्रैक के लिए स्टेडियम का निर्माण होना है।
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प्रश्न :- नवगछिया अनुमंडल के प्रत्येक प्रखंड में स्टेडियम का निर्माण होना था, अब तक इसमें क्या हुआ है?
-कुणाल कुमार, नवगछिया
राज्य सरकार सभी प्रखंडों में स्टेडियम के निर्माण के लिए योजना बना रही है। नवगछिया में खेल का विकास होगा।
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प्रश्न :- नाथनगर के खिलाड़ी अभ्यास के लिए सैंडिस जाते हैं।
- अमर कुमार, राघोपुर
नाथनगर में एथलेटिक, क्रिकेट, वालीबॉल, फुटबॉल व खो-खो आदि की संभावना है। खो-खो के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी है। यहां स्टेडियम निर्माण का प्रस्ताव है, पर सीओ ने जमीन उपलब्ध नहीं कराया।
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प्रश्न :- ग्रामीण क्षेत्र में संसाधन का अभाव है, इसके लिए क्या प्रयास हो रहे हैं?
- अभिषेक, कहलगांव
मथुरापुर हाईस्कूल में स्टेडियम बन रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों को एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र में प्राथमिकता दी जाती है।