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साधु संतों के महाकुंभ और सृष्टि बचाओ सम्मेलन की तैयारियों का लिया जायजा Bhagalpur News

कहलगांव एवं बटेश्वरस्थान के सामने स्थित दियारा में सृष्टि बचाओ सम्मेलन और साधु संतों के महाकुंभ की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसका जायजा लिया जाएगा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 04:05 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 04:47 PM (IST)
साधु संतों के महाकुंभ और सृष्टि बचाओ सम्मेलन की तैयारियों का लिया जायजा Bhagalpur News
साधु संतों के महाकुंभ और सृष्टि बचाओ सम्मेलन की तैयारियों का लिया जायजा Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। कहलगांव एवं बटेश्वरस्थान के सामने स्थित दियारा में सृष्टि बचाओ सम्मेलन और साधु संतों के महाकुंभ की तैयारी शुरू कर दी गई है। अखिल भारतीय शांति प्रतिष्ठान के आग्रह पर आए नेपाल में राजनायिक का दर्जा प्राप्त विश्व धर्म संसद के अध्यक्ष और पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू ट्रस्ट के सदस्य अर्जुन प्रसाद वस्तोला ने बटेश्वरस्थान में बाबा बटेश का रूद्राभिषेक पूजन कर गंगा में खड़े होकर पूजन कर महाकुंभ और श्रृष्टि बचाओ सम्मेलन के आयोजन का संकल्प लिया।

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संकल्प लेने में उनके साथ पंचायत के मुखिया त्रिभुवन शेखर झा उर्फ बाबू झा, विधायक सदानंद ङ्क्षसह के पुत्र शुभानंद मुकेश भी थे। संकल्प लेने के बाद बटेश्वर पहाड की चोटी पर जाकर आयोजन हेतु ध्वजारोहण स्थल का चयन किया। वस्तोला ने बताया कि इस दोनों आयोजन पर 1200 करोड रुपये खर्च होंगे जल्द ही ध्वजारोहण का आयोजन होगा। इस अवसर पर शांति प्रतिष्ठान के संस्थापक संत हरेराम ब्रह्मचारी उर्फ बोरिया बाबा भी थे। बोरिया बाबा ने कहा की इन दोनों आयोजनों में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष, धर्मगुरू, वैज्ञानिक, पर्यावरणविद को आमंत्रित कर बुलाया जाएगा।

वहीं, वस्तोला ने कहा कि गुरु वशिष्ट ने अपने पुत्र की मुक्ति के लिए विक्रमशिला क्षेत्र को काशी बनाना चाहते थे परंतु ब्रह्मा ने पहले ही काशी का स्थल चयन कर घोषित कर दिया था, इसलिए यहां काशी नहीं बन पाया था। यह इलाका ऋषि मुनियों का तपोस्थल रहा है। बाबा वटेश की पूजा अर्चना करने के बाद उन्होंने कहा की यह अभी बाल्य अवस्था में है। इन्हें प्रतिदिन खिचड़ी का भोग लगा कर प्रसाद वितरण किया जाए। बोले, महाकुंभ और सम्मेलन के लिए भारत के प्रधानमंत्री, ग्रहमंत्री से सहयोग का अनुरोध करेंगे। इस अवसर पर विधायक रामविलास पासवान, शांति प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिंदू भूषण दुबे, जयप्रकाश सिंह, अरुण सिंह, शहवाज आलम मुन्ना, राजकुमार सिंह, मनोज कुमार चौधरी आदि थे।


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