एक कट्ठे जमीन के लिए बच्ची की अपहरण के बाद नृशंस हत्या
पाच दिन पूर्व मधुसूदनपुर इलाके के छोटी वादरपुर गाव में अखिलेश यादव की बेटी शिवानी (10) की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। शनिवार को उसका शव घर के नजदीक बगीचे में मिला। स्थानीय लोगों ने सुबह शव की सूचना दी। फिर स्वजनों ने मधुसूदनपुर पुलिस को घटना की जानकारी दी।
भागलपुर। पाच दिन पूर्व मधुसूदनपुर इलाके के छोटी वादरपुर गाव में अखिलेश यादव की बेटी शिवानी (10) की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। शनिवार को उसका शव घर के नजदीक बगीचे में मिला। स्थानीय लोगों ने सुबह शव की सूचना दी। फिर स्वजनों ने मधुसूदनपुर पुलिस को घटना की जानकारी दी।
घटना की जानकारी होने के बाद गांव में तनाव की स्थिति बन गई। हालांकि, शव मिलने के थोड़ी ही देर में सिटी एसपी सहित कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। बाद में एफएसएल की टीम की भी जांच के लिए बुलाया गया। बच्ची के पिता अखिलेश यादव ने बच्ची के मामा मंटू यादव और गाव के ही मुकेश यादव सहित अन्य के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। उधर, पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि बच्ची की पहले पिटाई की गई फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। स्वजन तीन दिनों से काट रहे थे थाने का चक्कर
पिता ने बताया बच्ची के गायब की सूचना का आवेदन देने के लिए तीन दिन तक थाने का चक्कर काटना पडा। पुलिस रिपोर्ट लिखने की तैयार नहीं थी। 14 तारीख को रिपोर्ट लिखी गई। सिटी एसपी ने बताया कि इस मामले की जाच की जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके उपर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि घर से सौ गज की दूरी पर मिले शव स्थल की जाच की गयी है। वहा से पुलिस को एक हेयर क्लिप और वस्त्र मिला है। एफएसएल टीम के द्वारा भी घटनास्थल की जाच की गयी है। एसपी ने कहा कि दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका पर भी जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सभी कुछ साफ हो जाएगा। अपहरण का दर्ज कराया था मुकदमा
अखिलेश यादव ने 14 नवंबर को साला मंटू यादव, ससुर विभु यादव, सास व मुकेश यादव पर जबरन जमीन खाली कराने का धमकी और बेटी के अपहरण करने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अखिलेश ने पुलिस को बताया कि जब उसकी शादी हुई थी, तब उसके ससुर ने एक कट्टा जमीन दी थी, लेकिन रिश्ते में साला मंटू जमीन लिखने को तैयार नही था। इस मामले में निस्फ अम्बे पंचायत की सरपंच कुसमी देवी ने भी पंचायती भी की थी। उसी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी के प्रतिशोध में उसने बच्ची की हत्या कर दी। बच्ची की हत्या के बाद शव को बगीचे में एक गढ्डे में फेंक दिया गया था और ताड़ के पत्ते से ढक दिया गया था। ताकि किसी को पता नहीं चले। पुलिस ने कई गांवों में किया फ्लैग मार्च
घटना के बाद गांव में पनपे तनाव को देखते हुए सिटी एसपी सुशात कुमार सरोज के नेतृत्व में मधुसूदनपुर थाने से लेकर छोटी वादरपुर गाव और घटनास्थल तक फ्लैग मार्च किया। हालांकि ग्रामीणों ने पुलिस को कहा कि यदि पुलिस सक्रिय हो जाती तो शायद बच्ची की हत्या नहीं होती। ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की बगीचे में शाम होते ही अपराधियों का जमावड़ा हो जाता है। डर से कोई उन्हें नहीं बोलता है।