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सेंट्रल और कैंप जेलों में बनती है रणनीति, बाहर गुर्गे देते हैं अंजाम Bhagalpur News

भागलपुर स्थित शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा (सेंट्रल जेल) और विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) अति सुरक्षित माना जाता है। यहां करीब दो हजार आरोपित बंद हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 10:38 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 10:38 AM (IST)
सेंट्रल और कैंप जेलों में बनती है रणनीति, बाहर गुर्गे देते हैं अंजाम Bhagalpur News
सेंट्रल और कैंप जेलों में बनती है रणनीति, बाहर गुर्गे देते हैं अंजाम Bhagalpur News

भागलपुर [संजय सिंह]। पुलिस के कड़े पहरे के बावजूद भागलपुर के दो अति सुरक्षित जेलों में बंद कुख्यात अपराध की योजना बनाने में कामयाब हो जा रहे हैं। ये बदमाश बाहर में अपने गुर्गों की मदद से अपराध की योजना को अंजाम दिलवाते हैं। अपराधियों के इस शातिराना अंदाज से पुलिस के आलाधिकारी भी परेशान हैं। शहर में हाल के दिनों में घटित कई घटनाओं में जेल में बदमाशों की संलिप्तता पाई गई है। उनके विरूद्ध मुकदमा भी विभिन्न थानों में दर्ज किया जा चुका है।

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पुलिस की सुरक्षा में सेंध

भागलपुर स्थित शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा (सेंट्रल जेल) और विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) अति सुरक्षित माना जाता है। यहां करीब दो हजार आरोपित बंद हैं। इनमें से दो दर्जन से ज्यादा कुख्यात भागलपुर के आपराधिक घटनाओं से जुड़े हैं। यहां प्रदेश की दूसरी जेलों से भी कुख्यात को सुरक्षा की लिहाज से लाकर रखा जाता है। जेल और पुलिस प्रशासन समय-समय पर इनकी गतिविधियों की जांच भी करता है। इसके बावजूद ये बदमाश बाहर के गुर्गों की मदद से अपराध की योजना बनाकर उसे अमलीजामा पहनाने में सफल हो जाते हैं। ऐसा प्राय: देखा जाता है कि कोर्ट हाजत से न्यायालय में पेशी के लिए ले जाने के दौरान आरोपितों को उनके लोग घेरे खड़े रहते हैं और पुलिस तमाशबीन बनी रहती है।

पेशी और मुलाकाती के दौरान गुर्गों को समझाई जाती है रणनीति

जेल में बंद कुख्यात जेल के भीतर ही अपराध की योजना तैयार करते हैं। फिर जेल में मुलाकाती या कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने के दौरान अपने गुर्गों को रणनीति समझाते हैं। इसके बाद उसे समय पर कार्य पूरा करने की हिदायत भी देते हैं। यह सब काम इतनी सफाई से किया जाता है कि पुलिस और जेल अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है।

केस स्टडी : एक

28 जून : उर्दू बाजार इलाके में जमीन विवाद को लेकर राज कुमार मंडल उर्फ छोटू मंडल के घर व एक जमीन पर दिनदहाड़े ताबड़तोड़ बमबाजी हुई थी। इस मामले में सुलेखा देवी ने जेल में बंद दो लोगों पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए चार लोगों पर तातारपुर थाने में नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें जेल में बंद अभिमन्यु कुमार सिंह और राजाराम सिंह समेत सूरज यादव, बिरजू यादव आदि को आरोपित किया था।

केस स्टडी : दो

चार अप्रैल : बरहपुरा में कृषि विभाग से सेवानिवृत हुए डिप्टी डायरेक्टर अब्दुल मजीद के घर चार अप्रैल को हुई डकैती की साजिश जेल से रची गई थी। 17 अप्रैल को भीखनपुर के टैंक लेन निवासी मु. मून खान उर्फ इमरान उर्फ डकुआ की गिरफ्तारी के बाद इस बारे में पुलिस को जानकारी मिली। 11 अगस्त 2018 को इशाकचक में डॉ.कामरान से सात लाख रंगदारी मांगने में पुलिस ने बाबू कुल्हाड़ी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस पर कई बड़े आपराधिक मामले दर्ज हैं।

डीआइजी विकास वैभव ने कहा कि यह गंभीर मामला है। रेंज के जिलों के एसएसपी, एसपी को निर्देशित किया जाएगा कि कोर्ट में पेशी के दौरान आने वाले आरोपितों पर कड़ी निगरानी रखी जाए। यदि कोई संदिग्ध उनसे मिलता है तो उन पर कार्रवाई करें।


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