Move to Jagran APP

टकटकी लगाकर आकाश निहार रहे किसान, अल्लाह मेघ दे... पानी दे... छाया दे रे Banka News

जिले में धान उत्पादन का चार बड़ा उत्पादक प्रखंड धोरैया अमरपुर शंभूगंज और रजौन है। सरकार ने अमरपुर रजौन और शंभूगंज प्रखंड के किसी पंचायत को सूखा घोषित नहीं किया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 09:58 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 09:58 AM (IST)
टकटकी लगाकर आकाश निहार रहे किसान, अल्लाह मेघ दे... पानी दे... छाया दे रे Banka News
टकटकी लगाकर आकाश निहार रहे किसान, अल्लाह मेघ दे... पानी दे... छाया दे रे Banka News

बांका [राहुल कुमार]। बरसात का तीन महत्वपूर्ण महीना आषाढ़, सावन के बाद अब भादो भी बीत गया। इस तीन महीने में जिले की धरती पर सामान्य से 314 मिमी बारिश कम हुई। मध्य सावन के बाद से ही बरसा रूठी हुई है। इस कारण जिला में सूखा की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

loksabha election banner

बारिश के अभाव में धान का बीचड़ा खेतों में यूं ही बर्बाद हो गया। सावन-भादो में बारिश की जगह तेज धूप देख किसान रोपनी की हिम्मत नहीं कर सके। नतीजा, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भी 30 प्रतिशत खेत खाली रह गए। जिन खेतों में रोपनी हुई, उसमें कुछ नहर से सिंचित और कुछ डीजल पंपसेट से सिंचाई वाले इलाके हैं। लेकिन, अब भी आसमान से पानी नहीं बरसने के कारण रोपे गए धान की हालत खराब है। खेत की दरारें बढ़ गई है। किसान विपिन सिंह, शंकर मंडल, बत्तीस राम ने बताया कि अब बारिश का महीना निकल गया है। हर तरफ काश खिल गया है। पानी की उम्मीद नहीं बची है। रोपे गए धान को डीजल पंपसेट से किसी तरह जिंदा रख रहे हैं। लेकिन, पौधे में बढ़वार नहीं है। अब बीमारी भी हमला बोल रहा है।

धान उत्पादन का बड़ा क्षेत्र अछूता

जिला में धान उत्पादन का चार बड़ा उत्पादक प्रखंड धोरैया, अमरपुर, शंभूगंज और रजौन है। सरकार ने अमरपुर, रजौन और शंभूगंज प्रखंड के किसी पंचायत को सूखा घोषित नहीं किया। जबकि, इस प्रखंड में एक तिहाई से अधिक खेत खाली है। बांका की तरफ से अमरपुर में प्रवेश करते ही रतनपुर मकदुमा, जमुआ दोनों पंचायत में सड़क किनारे का अधिकांश खेत खाली है। खेतों में बीचड़ा बेकार पड़ा है। रजौन में भी सड़क किनारे के खेतों का यही दर्द है। शंभूगंज प्रखंड मुख्यालय के आसपास भी खेत खाली है। खेतों में बेकार पड़ा बीचड़ा किसानों का दर्द बताने के लिए काफी है।

38 फीसद कम बारिश भी नजरअंदाज

पिछले साल 15 सितंबर तक बांका में सामान्य से 124 मिमी कम बारिश हुई थी। यह 15 फीसद कम बारिश थी। जबकि इस साल 14 सितंबर तक केवल 501 मिमी ही बारिश हो सकी है। सामान्य वर्षा की स्थिति में अब तक 816 मिमी बारिश हो जानी थी। यानि अबकी सामान्य से 38 फीसद कम बारिश हुई। ऐसा भी नहीं कि किसी प्रखंड में अधिक और किसी में कम बारिश हुई है। 15 फीसद कम बारिश पर पिछले साल पूरा जिला सूखा घोषित हुआ। नहर किनारे वाले किसानों को मुआवजा मिला। अबकी 38 फीसद कम बारिश के बाद भी धान उत्पादक इलाकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

पक्ष और विपक्ष दोनों ने खोला मोर्चा

अमरपुर और शंभूगंज प्रखंड के एक भी पंचायत को सूखा घोषित नहीं करने पक्ष और विपक्ष दोनों दलों ने मोर्चा खोल लिया है। कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने सत्ताधारी लोगों को इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि वे पहले से इस मुद्दे पर आंदोलन शुरु कर चुके हैं। जल्द सूखा की घोषणा नहीं हुई तो किसानों के साथ सड़क पर उतरेंगे। वहीं भाजपा नेता मृणाल शेखर ने भी अमरपुर विधानसभा के एक भी पंचायत को सूखा नहीं घोषित करने पर कड़ा ऐतराज जताया है। कहा कि किसान के साथ वे खड़े हैं। राज्य से केंद्रीय मंत्री तक से मिलकर इसकी लड़ाई लड़ेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.