जैन मंदिर : उत्तम त्याग धर्म की दीक्षा से रूबरू हुए जैन अनुयायी Bhagalpur News
भागलपुर के चंपानगर जैन सिद्ध क्षेत्र में चल रहे दशलक्षण महापर्व का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर जैन संतों का प्रवचन और पूजन किया जाता है। काफी संख्या में लोग यहां आ रहे हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। चंपानगर जैन सिद्ध क्षेत्र में चल रहे दशलक्षण महापर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म की दीक्षा दी गई। जैन अनुयायियों को इसके बारे में बताया गया। प्रवचन में पंडित नमन शास्त्री ने कहा कि कभी भी किसी की मदद इस तरह नहीं करनी चाहिए कि आस पड़ोस के लोगों की आंखों में चुभे जाए। किसी की मदद करनी हो तो छिपकर करें।
उन्होंने कहा कि बुरे व्यक्ति से दोस्ती करने का मतलब है खुद को मुसीबत में डालना। पंडित आलोक शास्त्री ने कहा कि मदद का मकसद अच्छा हो तो कार्य भी अच्छा होगा। कभी-कभी छोटी सी गलतफहमी भी अच्छे संबंध को खराब कर देता है। इस दौरान मंत्री सुनील जैन, विजय रारा, मनीष जैन ,शांतिलाल काला,भागचंद पाटनी,मोतीलाल पाटनी,धन्य जैन ,मनु जैन सहित बड़ी संख्या में महिला और पुरुष जैन अनुयायी थे।
चंपापुर जैन सिद्ध क्षेत्र में चल रहे दशलक्षण महापर्व के सातवें दिन सोमवार को उत्तम तपो धर्म मनाया गया। इसमें संस्कारवान बनने की दीक्षा दी गई। पंडित आलोक शास्त्री ने कहा कि तप के बिना संसार से छुटकारा नहीं मिलता। सीखने की ललक हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा की अच्छाई सीखी जाती है। इसे खरीदा नहीं जा सकता। पंडित नमन शास्त्री ने कहा कि अनुशासन के बिना प्रशासन का चलना संभव नहीं है। दोष मिटाने के लिए होते हैं, किसी को गुमराह करने के लिए नहीं। इस अवसर पर महामंत्री सुनील जैन, भागचंद पाटनी, मोतीलाल पाटनी, धन्य जैन, मनु जैन, सहित कई थे।