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भाला थाम कीर्तनियां की मीनू सोरेन ने छू लिया आसमान Bhagalpur News

आर्थिक रूप से कमजोर मीनू के परिवार के पास इतने पैसे नहीं है जिससे अपने जरूरत के मुताबिक संसाधन जुटा सके। मीनू एकलव्य राज्य आवासीय खेल प्रशिक्षण केंद्र में 8वर्षों से जुड़ी हुई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 01:45 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 04:38 PM (IST)
भाला थाम कीर्तनियां की मीनू सोरेन ने छू लिया आसमान Bhagalpur News
भाला थाम कीर्तनियां की मीनू सोरेन ने छू लिया आसमान Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। आदिवासी बहुल गांव कीर्तनियां से निकलकर मीनू सोरेन ने जेवलीन थ्रो (भाला फेंक) में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। मीनू ने जब भाला पकड़ा था तब उसके गांव में न खेल का माहौल था, न संसाधन ही थे। भाले के प्रति उसके लगाव ने अभाव को कभी आड़े नहीं आने दिया। उसकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि अब तक पांच बार राज्य सरकार के खेल सम्मान से सम्मानित हो चुकी है। 

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मीनू बताती है कि राष्ट्रीय रिकार्ड तोडऩा और ओलंपिक में पदक जीतना उसका लक्ष्य है। इसमें प्रशिक्षक राजीव लोचन का भरपूर सहयोग मिल रहा है। गुरु के तकनीकी गुर और कड़ी मेहनत की वजह से अब तक मीनू ने 37 मीटर से बढ़ाकर 47 मीटर तक जेवलीन थ्रो करने की क्षमता विकसित कर ली है। उसका लक्ष्य अब पहले राष्ट्रीय और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय रिकार्ड को तोडऩे का है। वह राष्ट्रीय रिकार्ड से 36 सेंटीमीटर, जूनियर नेशनल से 1.45 मीटर लक्ष्य से दूर है। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मीनू ने 62 मीटर का लक्ष्य निर्धारित किया है।

संसाधन है मीनू के संकल्प में रोड़ा

आर्थिक रूप से कमजोर मीनू सोरेन के परिवार के पास इतने पैसे नहीं है, जिससे अपने जरूरत के मुताबिक संसाधन जुटा सके। मीनू राज्य सरकार द्वारा खरमनचक स्थित राजकीय बालिका इंटर विद्यालय में संचालित एकलव्य राज्य आवासीय खेल प्रशिक्षण केंद्र में आठ वर्षों से जुड़ी हुई है। सीमित संसाधन के बूते राष्ट्रीय पदक दिलाने वाली मीनू को सम्मान देकर सरकार महज खानापूर्ति कर रही है। खेल विभाग ने सस्ता और एल्यूमिनियम वाला जेवलीन अभ्यास के लिए उपलब्ध कराया है। मीनू ने बताया कि ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में मेडल जीतने के लिए कार्बन और मेटल वाले रेंज जेवलीन की आवश्यकता है, जिसकी कीमत 65 हजार से दो लाख रुपये तक है।

पांच बार मिला राज्य खेल पुरस्कार सम्मान

पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित राज्य खेल पुरस्कार से मीनू को 2013 से 2018 तक पांच बार सम्मान मिला है। ये पुरस्कार जेवलीन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार को मेडल दिलाने के लिए हासिल की है। 26 जनवरी 2018 को तत्कालीन राज्यपाल ने राजभवन में विशिष्ट श्रेणी के खेल सम्मान से मीनू सोरेन को सम्मानित किया था।

मीनू के पिता मान सिंह सोरेन पत्थर तोड़ कर जीविका चलाते थे। इसी साल फरवरी में पिता का निधन होने के बाद परिवार आर्थिक तंगी की चपेट में आ गया। कुल दो बीघा जमीन है, जिसमें मां हीरामणी हांसदा खेती कर दो बेटे और मीनू का भरण पोषण कर रही है।

मीनू का चयन जूनियर राष्ट्रीय कैंप में चयन

मीनू का चयन जूनियर राष्ट्रीय कैंप के लिए किया गया है। भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 25 जुलाई से 25 सितंबर तक इंडिया कैंप में मीनू प्रशिक्षण लेगी। देश के पूर्वी जोन से एथलेटिक की विभिन्न स्पद्र्धाओं के लिए 30 खिलाडिय़ों का चयन हुआ है। कोच राजीव लोचन ने बताया कि 23 जुलाई को मीनू भुवनेश्वर रवाना होगी। बिहार से पहली बार किसी भी महिला खिलाड़ी का चयन राष्ट्रीय कैंप के लिए किया है। यह भागलपुर के लिए गौरव की बात है। 2020 में विश्व जूनियर एथलेटिक चैंपियनशिप होना है। इसमें कैंप के प्रशिक्षित खिलाडिय़ों को भारतीय टीम में शामिल किया जाएगा।

मीनू की जेवलीन थ्रो में उपलब्धियां

- 2014 रांची में 59वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका अंडर 17 में द्वितीय स्थान

- अप्रैल 2014 हरिद्वार में 12वीं नेशनल इंटर जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में द्वितीय स्थान

- जनवरी 2015 रांची में 60वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान

-जनवरी 2016 केरल कोजीकोड़ में 61वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका अंडर 17 में द्वितीय स्थान

-फरवरी 2017 गुजरात बड़ोदरा में 62वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका अंडर 17 में प्रथम स्थान

-दिसंबर 2017 हरियाणा रोहतक में 63वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका अंडर 19 में प्रथम स्थान

- नवंबर 2018 रांची में यूथ जूनियर नेशनल में कांस्य पदक

- सितंबर 2018 पटना में ईस्ट जोन एथलेटिक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल


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