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सृजन घोटाला : तीन साल का पासबुक गायब, कई राज हुए उजागर Bhagalpur News

सीबीआइ की टीम ने सन्हौला के तत्कालीन नाजिर उदय कुमार मंडल के घर छापेमारी कर घंटे उनसे पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान कई मामले उजागर हुए।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 08:37 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 08:37 AM (IST)
सृजन घोटाला :  तीन साल का पासबुक गायब, कई राज हुए उजागर Bhagalpur News
सृजन घोटाला : तीन साल का पासबुक गायब, कई राज हुए उजागर Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। 21 सौ करोड़ से ज्यादा के सृजन घोटाला मामले में मनोरमा देवी ने प्रखंडों के सरकारी आवंटन की राशि में अपनी सेंध लगा दी थी। मनोरमा के प्रभाव में आकर प्रखंडों में पदाधिकारी और कर्मियों ने जमकर पैसों का गोलमाल किया। जिले में घोटाला उजागर होने के बाद जब जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने प्रखंडों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर जांच शुरू कराई तो सन्हौला प्रखंड के 2007 से लेकर 2010 तक के पासबुक साजिश के तहत गायब कर दिए गए। ताकि जांच में गड़बड़ी का पता नहीं चल पाए। जांच कमेटी को एक पासबुक मिला भी मगर वह पूरा खाली था।

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बता दें कि मंगलवार को सीबीआइ की टीम ने सन्हौला के तत्कालीन नाजिर उदय कुमार मंडल के घर छापेमारी कर घंटे उनसे पूछताछ की थी। सीबीआइ ने प्रखंडों में हुए घोटाले की जांच शुरू कर दी है। इसकी जद में और भी कई पदाधिकारियों का नाम हैं, जिन पर सीबीआइ का शिकंजा कसेगा। सन्हौला प्रखंड में हुए घोटाले का केस 19 सितंबर 2017 को कोतवाली थाने में दर्ज किया गया था।

नहीं रखा लेखे-जोखे का हिसाब

प्रखंडों में जिस वर्ष घोटाला उजागर हुए हैं। उस वर्ष सरकारी राशि के आवंटन की सारी व्यस्थाएं भगवान भरोसे चल रही थी। सरकारी पैसे का कोई भी लेखा जोखा नहीं रखा जाता था। सरकार द्वारा प्रखंडों के लिए विभिन्न योजनाओं में जो राशि जिला प्रशासन द्वारा भेजी जाती थी। उस राशि को मनोरमा के सहयोगियों द्वारा अन्यत्र बाजार में लगा दिया जाता था। इसमें प्रखंड के पदाधिकारी और कर्मी के शामिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि अब मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। इस कारण घोटाले में शामिल पदाधिकारी व कर्मियों पर कार्रवाई तय है।

सूद पर लगाया जाता था पैसा

प्रखंडों की जांच में इस बात की जानकारी पूर्व में एसआइटी को मिली है थी किजो पैसे प्रखंड के सरकारी खाते से निकलते थे। वे सारे पैसे पूर्ववत अज्ञात स्त्रोतों से जमा कर दिए जाते थे। ये पैसे प्रखंडों के खाते से निकालकर बाजारों में सूद पर लगाए जाते थे। वहीं जब भी प्रखंड द्वारा कोई भी चेक जारी होता था तो मनोरमा देवी तुरंत उस खाते में अज्ञात स्त्रोतों से पैसे हस्तांतरित करा देती थी। इस कारण इस प्रकार की गड़बड़ी का पता कभी नहीं चला।

प्रखंड घोटाला मामले में सीबीआइ दाखिल करेगी चार्जशीट

सृजन संस्था द्वारा प्रखंडों की सरकारी राशि घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने जांच तेज कर दी है। इस मामले में जांच के दौरान सीबाआइ ने आरोपितों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। सीबीआइ मामले में जल्द विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है। सीबीआइ की टीमें अलग प्रखंडों के तत्कालीन नाजिर, सहित अन्य पदाधिकारियों व कर्मियों से पूछताछ कर रही है। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए सीबीआइ ने नोटिस देकर पटना भी बुलाया था। जिनसे बुधवार को पूछताछ हुई है। जबकि कुछ लोगों से भागलपुर में पूछताछ हुई है। बता दें कि मंगलवार को सीबीआइ ने सन्हौला प्रखंड के तत्कालीन नाजिर सबौर निवासी उदय कुमार मंडल के घर छापेमारी की थी। उनसे पूछताछ के बाद कई कागजात भी जब्त किए थे।


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