सात साल पूर्व लिए थे सात फेरे... अब मिली रिहाई, पढ़ें पूरी कहानी Bhagalpur News
प्रेमिका ने अदालत में कहा हुजूर अब तो जीना-मरना इन्हीं के संग है। बेहतर जिंदगी गुजर रही है। जानें कोर्ट ने किया सुनाया फैसला।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। सजौर थाना क्षेत्र के डीह दासपुर गांव निवासी टिंकू और उसी गांव की शोभा ने सात साल साल पहले भागकर देवघर में शादी कर ली थी। शोभा के पिता ने टिंकू, उसके मां, पिता, भाई को अपहरण का आरोपित बना दिया था। सात साल तक मुकदमा चला।
अष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत में शोभा अपने बच्चे के साथ उपस्थित हुई। पति टिंकू समेत अन्य आरोपित की मौजूदगी थी। शोभा ने कहा हुजूर अब तो जीना-मरना इन्हीं के संग है। बेहतर जिंदगी गुजर रही है।
न्यायाधीश ने आरोपित टिंकू से पूछा कि वह अपनी पत्नी को सही ढंग से रखते हो। उसने कहां हां। यह भी कहा कि दोनों राजी-खुशी से ही गांव छोड़ कर सात साल पूर्व निकल गए थे। बाबा नगरी में रीति-रिवाज से विवाह किया था। फिर न्यायालय ने गवाहों के बयानों का अवलोकन किया।
जिनकी गवाही घटना को सिद्ध करने को नाकाफी थे। नतीजा न्यायालय ने शोभा के अपहरण में आरोपित पति टिंकू, उसके पिता सुलोचन मंडल, मां आशा देवी, भाई पंकज और छोटू मंडल को रिहा कर दिया। मालूम हो कि टिंकू और शोभा एक दूसरे से प्यार करते थे। दोनों की जाति अलग थी। इसलिए दोनों के प्रेम को ग्रामीण परिवेश में स्वीकारा जाना मुमकिन नहीं था।
विरोध जब शुरू हुआ तो वर्ष 2013 में शोभा और टिंकू गांव छोड़ चुपके से भाग निकले। शोभा के पिता नंदकिशोर यादव ने सजौर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए टिंकू मंडल, उसके पिता सुलोचन मंडल, मां आशा देवी, भाई पंकज मंडल और छोटू मंडल को बेटी के अपहरण का आरोपित बना दिया। सात साल तक मुकदमा चलता रहा। इस बीच टिंकू और शोभा बतौर पति-पत्नी जीवन यापन करते रहे। दोनों दो से तीन हो गए।