विक्रमशिला एक्सप्रेस के यात्री सेतु से लेकर बूढ़ानाथ मंदिर का कर रहे दीदार Bhagalpur News
जिस तरह पूर्व मध्य रेल ने अपने जाने से खुलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों में मधुबनी पेंटिंग कराई है उसी तरह मालदा मंडल ने भी पहल की।
भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस के यात्री विक्रमशिला सेतु से लेकर बूढ़ानाथ मंदिर और बिहुला और नौका विहार का दीदार कर रहे हैं। जिस तरह पूर्व मध्य रेल ने अपने जाने से खुलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों में मधुबनी पेंटिंग कराई है, उसी तरह पूर्व रेलवे के मालदा मंडल भागलपुर की लोक कला मंजूषा पेटिंग को ट्रेन के कोचों पर उकेरा है। पूर्व बिहार के यात्रियों को पेंटिंग खूब भा रहा है। यात्री पेंटिंग को देखकर काफी खुश हैं। दरअसल, तीन रैक के साथ चलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस के अभी दो रैक के एसी कोचों में ही मंजूषा पेंटिंग की गई है। रेलवे का दावा है कि माह के अंत तक तीसरे रैक की बोगियों में पेंटिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा।
तीन रंगों का हुआ इस्तेमाल, बदला एसी कोच का लुक
भागलपुर कोचिंग डिपो में मंजूषा पेंटिंग की गई है। इसमें एक दर्जन से ज्यादा कलाकार अलग-अलग शिफ्ट में पेंटिंग का काम करते हैं। इस पेंटिंग में तीन रंग हरा, गुलाबी और पीला का इस्तेमाल किया गया है। भगवान शिव की पुत्री विषहरी, बिहुला और चांदो सौदागर के अलावा इस चित्र में सांप, चंपा फूल, सूर्य, चांद, हाथी, कछुआ, मछली, मैना पक्षी, कमल फूल, कलश, तीर, शिवलिंग, पौधे और बेलपत्र को भी उकेरा गया है।
स्टेशन के दीवारों को भी संवारने की कवायद शुरू
ट्रेनों में मंजूषा पेंटिंग का काम पूरा होने के बाद मालदा मंडल रेल दीवारों पर पेंटिंग की योजना बनाई है। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। इस पेंटिंग में स्टेशन और प्लेटफार्म की दीवारों में राम-सीता का वाटिका में मिलन, स्वयंवर में राम के धुनष तोडऩे, सीता की विदाई, राम-सीता-लक्ष्मण वनवास, दुल्हन की डोली, जीव-जन्तु व पर्यावरण संरक्षण से संबंधित पेंटिग कराई जाएगी।