खेतों में रक्तबीज की तरह पनपा गाजर घास, किसानी पर आफत
हर खाली जगह पर अब गाजर की पत्ती की तरह एक पौधा निकल रहा है।
बांका। आप अगर खेती बारी की थोड़ी सी भी समझ रखते हैं तो गाजर घास के आतंक से जरूर वाकिफ हो गए होंगे। पिछले पांच साल में यह रक्तबीज की तरह जिला के किसानों के नाक में दम किए हुए है। बढि़या और उपजाऊ खेत में गाजर घास दुश्मनों की तरह हमला कर रहा है। खेत के थोड़ा सा खाली होते ही इसका जहरीला पौधा खेत पर तुंरत कब्जा जमा ले जा रहा है। पिछले दशक तक बांका के किसानों ने अपने खेतों में ना इसकी शक्ल देखी थी, ना इस जीव का नाम ही सुना था। बताया जाता है कि डेढ़ दशक पूर्व भागलपुर शहर के आसपास इलाकों में इसका पौधा दिख रहा था। दशक भर पूर्व इसका इक्का दुक्का पौधा खाली जगहों पर दिखना शुरू हुआ। और अब पांच साल के दौरान गांव-गांव पहुंच गया है। कहां से और कैस चुपके से खेतों में इस घास का प्रवेश हो गया, किसान भी इससे अनजान हैं।
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हर फसल को कर रहा बर्बाद
किसान ललित ¨सह, सुरेश मंडल, जगदीश यादव आदि ने बताया कि पिछले तीन-चार साल से बांका आसपास के खेतों में गाजर के पत्ते जैसा बड़ा पौधा तेजी से फैल रहा है। इसे ना मवेशी खाते हैं, ना ही इसका पौधा पानी के अभाव में सूखता है। काट कर हटाने पर भी नष्ट नहीं होता बल्कि, जड़ से ही फिर पौधा पूरी तरह फैल जाता है। जिस खेत में पहले साल एक दो पौधा था वह खेत अगले साल पूरी तरह इससे भर गया। रबी फसलों को यह खतरनाक रूप से प्रभावित कर रहा है। अब खरीफ में भी दादागिरी दिखा रहा है। किसी भी फसल वाले खेत में जरा सी जगह खाली मिलते ही इसका पौधा मिट्टी से पोषण प्राप्त कर लहलहा उठता है।
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क्या है पहचान
हर खाली जगह पर अब गाजर की पत्ती की तरह एक पौधा निकल रहा है। जो मिट्टी से बढि़या पोषण मिलने पर पांच फीट तक की उंचाई का हो जाता है। व्यस्क पौधे में गुच्छा में सफेद फूल निकलता है। इसी का बीज अगले साल एक पौधे से हजारों पौधा तैयार कर देता है। इसका बीज मिट्टी में किसी कीमत पर नष्ट भी नहीं होता है।
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कहते हैँ कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रघुवर साहू बताते हैं कि अमेरिका से गेहूं के साथ यह घास इंडिया आया बताया जाता है। यह खेती ही नहीं मानव जीवन के लिए खतरनाक है। इसके संपर्क में आने से अस्थमा, एलर्जी तक फैलती है। जड़ से एक रस निकलने से वह खेत की मिट्टी को बंजर बना देता है। किसान सामूहिक रूप से इसका अवयस्क अवस्था में ही इसका पौधा उखाड़ कर जमीन के नीचे दबा दें।