Coronavirus : भागलपुर में अब तक 13 लोगों की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा भी एक हजार के करीब
Coronavirus जिला प्रशासन कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने में सफल नहीं रहा है। अब तक यहां एक हजार लोग संक्रमित हो गए हैं। 13 की मौतें हुई है।
भागलपुर, जएनएन। जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण भयावह हो चुका है। रविवार को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में छह घंटे के भीतर यूको बैंक के सीनियर मैनेजर संतोष कुमार साहू सहित दो कोरोना मरीजों की मौत हो गई। इस बीमारी से अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी है। 937 लोग संक्रमित हुए हैं। हालांकि इनमें से 666 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं।
कोरोना संक्रमित रामसर के 65 बुजुर्ग की मौत रविवार को करीब 10 बजे हुई। उन्हें 10 जुलाई को अस्पताल में भर्ती किया गया था। नौ जुलाई को जाच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी। इसी दिन टीटीसी कोविड सेंटर में भर्ती करने के बाद जब हालत खराब हुई तो 10 को अस्पताल में भर्ती किया गया। उन्हें पहले से ही रक्तचाप और मधुमेह था। 10 बजे मौत हो गई। सुर्खिकल निवासी बैंक मैनेजर की मौत मायागंज अस्पताल के गायनी आइसीयू में हो गयी। परिजनों का आरोप है कि जब उनकी सास तेज चलने लगी तो उस समय डॉक्टर नहीं मिले। कोरोना वार्ड में भी डॉक्टर नही थे। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को दी गयी। जब तक डॉक्टर आते, मौत हो चुकी थी। मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक भगत ने बताया कि उनके मोबाइल पर 12 बजकर 59 मिनट पर कॉल आया था। जब आइसीयू की नर्स से बात की तो उसने बताया डॉक्टर मरीज के पास हैं।
यूको बैंक की अलग-अलग शाखाओं में 18 संक्रमित
कोरोना संक्रमण की चेन जिले की लीड यूको बैंक तक पहुंच गई। जोनल कार्यालय में कार्यरत कर्मी भी संक्रमित हुए हैं। अलग-अलग शाखाओं में अभी तक कुल मिलाकर 18 बैंक कर्मी चपेट में आए हैं। वहीं, खलीफाबाग मेन ब्रांच में पदस्थापित सीनियर मैनेजर संतोष कुमार साहू की मौत जेएलएनएमसीएच में इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई। मृतक बैंक कर्मी की पत्नी और बेटी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। मैनेजर का शव जेएलएनएमसीएच में पड़ा हुआ है। मैनेजर के रिश्तेदारों को सूचना दी गई है। उधर, दो दर्जन कर्मियों की रिपोर्ट देर रात या सोमवार तक आने की संभावना है। संबधित बैंक शाखाएं बंद कर दी गई हैं। पूरी तरह से सैनिटाइज होने के बाद ही यें खुलेंगी।
मृतक का सैंपल लेने के लिए भटकते रहे परिजन
स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। इन दिनों अगर किसी की मौत होती है तो परिजन को कोरोना से मौत होने की आशंका रहती है। रविवार को नाथनगर के एक 55 वर्षीय बुनकर की मौत हो गई। स्वजन कोरोना जांच के लिए सैंपल देने रविवार को 10 बजे उसका शव लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। घंटों इंतजार के बाद भी सैंपल लेने कोई नहीं आया। सिविल सर्जन के कहने के बाद भी। शव का अंतिम संस्कार बरारी घाट में कर दिया गया। परिजनों ने कहा कि कोविड सेंटर से नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया, वहां ताला लगा हुआ था। उन्हें भय है कि अगर कोरोना से मौत हुई होगी तो परिवार के सदस्य भी संक्रमित हो सकते है। हालांकि एक सप्ताह से इलाज निजी क्लिनिक में किया जा रहा था। डॉक्टर ने टायफायड बताया था।
बिना सैंपल दिए लाश लेकर चले गए
पूर्णिया के 28 वर्षिय युवक की मौत शनिवार की रात मायागंज अस्पताल के गायनी आइसीयू में हो गई। मरीज को डॉ. ओबेद अली की यूनिट में भर्ती किया गया था। वह संदिग्ध कोरोना मरीज था। सैंपल लेने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन स्वजन शव लेकर चले गए।