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बिहार के शिक्षांचल में बिना पढ़े मैट्रिक की परीक्षा देंगे 1200 बच्चे, वजह- शिक्षकों की नियुक्ति न होना

बिहार के शिक्षांचल में 1200 बच्चे बिना पढ़े ही मैट्रिक 2023 की परीक्षा देंगे। क्योंकि यहां स्कूल तो बना दिए गए हैं लेकिन उनमें शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है। ऐसे में यदि शिक्षकों का पदस्थापन नहीं होता है तो...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 08:55 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 08:55 PM (IST)
बिहार के शिक्षांचल में बिना पढ़े मैट्रिक की परीक्षा देंगे 1200 बच्चे, वजह- शिक्षकों की नियुक्ति न होना
बिहार के लखीसराय जिले के शिक्षांचल कहे जाने वाले प्रखंडों का मामला।

संवाद सूत्र, सूर्यगढ़ा (लखीसराय) : प्रखंड में सूर्यगढ़ा एवं कजरा दो शिक्षांचल हैं। दोनों को मिलाकर, इनके 22 प्राथमिक विद्यालय को पहले उत्क्रमित मध्य विद्यालय, उसके बाद उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया है। इनमें से 18 विद्यालयों को प्लस टू की मान्यता दी गई है। विभाग ने इसके लिए कोड भी निर्गत कर दिया है। उक्त विद्यालयों में बच्चों का नामांकन भी हुआ है लेकिन शिक्षकों का पदस्थापन अब तक विभाग ने नहीं किया है।

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जानकारी के अनुसार मात्र उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय पोखरामा में दो तथा उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय नवकाडीह में एक शिक्षक का पस्थापन किया गया है। शेष विद्यालयों में कागजों पर ही चार माह पूर्व पढ़ाई शुरू हो गई है। इनमें से दसवीं के कुल 1,200 बच्चे अगले वर्ष 2023 की मैट्रिक परीक्षा में बिना पढ़े ही शामिल होंगे। मानें तो छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम मजाक बनकर रह गया है।

  • 2023 में बिना पढ़े ही उच्च मावि के बच्चे देंगे मैट्रिक की परीक्षा
  • 1,200 बच्चे अगले साल देंगे मैट्रिक की परीक्षा
  • मात्र दो विद्यालय में पदस्थापित हैं तीन शिक्षक

हालांकि, सरकार स्कूली बच्चों को पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल योजना से लेकर कई तरह का लाभ दे रही है। लेकिन विद्यालयों में पठन पाठन के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। डीईओ विमलेश कुमार चौधरी की मानें तो शिक्षकों का नियोजन सरकार के स्तर से होना है। इसकी प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके बाद शिक्षकों का पदस्थापन हो जाएगा।

18 को होगा मिड-डे मील वर्करों का धरना प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, लखीसराय : रविवार को शहर के नया बाजार धर्मशाला में बिहार राज्य मिड-डे-मील वर्कर यूनियन (रसोईया संघ) जिला कमेटी लखीसराय की बैठक बेबी देवी तथा मनोज पासवान की संयुक्त अध्यक्षता में हुई। बैठक में 18 जुलाई को केंद्र तथा बिहार सरकार के खिलाफ अग्निपथ योजना वापस लेने, निर्दोष छात्रों को अविलंब रिहा करने, 15 हजार न्यूनतम वेतन देने, सभी रसोइया को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, बेरोजगारों को रोजगार देने, सभी सार्वजनिक क्षेत्रों में निजीकरण बंद करने की मांग को लेकर नया बाजार धर्मशाला से जिला समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में संगठन के जिला संयोजक राजकुमार सिंह, बालू मजदूर नेता मोती साव, जनवादी नौजवान सभा के राज्य संयुक्त सचिव दीपक वर्मा, चन्द्रदेव पासवान, योगेंद्र यादव, सुनैना देवी, ललीता देवी, श्रीबती देवी, आवन्ति यादव, दिनकर कुमार, किरण देवी, गायत्री देवी, गीतांजली देवी आदि उपस्थित थे।


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