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14 वर्षों में भी नहीं बिछ सकी 111 KM रेल लाइन, वर्ष 2007 से बंद है सहरसा से फारबिसगंज की सीधी ट्रेन सेवा

मात्र 111 किमी लंबी रेल लाइन नहीं बनने के कारण पूर्व मध्य रेल सहरसा से फारबिसगंज के बीच रेल सेवा बंद है। पिछले 14 वर्षों में नहीं बन पायी है। वर्ष 2007 से बंद है सहरसा से फारबिसगंज की सीधी रेल सेवा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 06:58 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 06:58 AM (IST)
14 वर्षों में भी नहीं बिछ सकी 111 KM रेल लाइन, वर्ष 2007 से बंद है सहरसा से फारबिसगंज की सीधी ट्रेन सेवा
कोसी क्षेत्र का पड़ोसी देश नेपाल से है रोटी- बेटी का रिश्ता। रेल सेवा बंद होने से परेशानी बढ़ी है।

सहरसा [राजन कुमार]। पूर्व मध्य रेल सहरसा से फारबिसगंज के बीच 111 किमी. लंबी रेल लाइन पिछले 14 वर्षों में नहीं बन पायी है। वर्ष 2007 से ही सहरसा से फारबिसगंज के बीच सीधी रेल सेवा बंद हो गयी थी। इससे कोसी क्षेत्र का नेपाल के साथ रोटी-बेटी का रिश्ता भी प्रभावित हो रहा है।

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कुसहा त्रासदी वर्ष 2008 में आने के बाद रेल पथ पूरी तरह छिन्न भिन्न हो गयी थी। इसके बाद राघोपुर तक ही ट्रेन का परिचालन होने लगा। आमान परिवर्तन के नाम पर रेल सेवा ठप हो जाने के बाद वर्ष 2016 के दिसंबर में छोटी रेल लाइन का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया। सहरसा से राघोपुर तक 66 किलोमीटर रेल लाइन पूर्ण करने के बाद ट्रेन चलाने में रेलवे को 13 वर्ष लग गए। इस साल के अंत तक ललितग्राम तक ट्रेन चलाने की योजना रेलवे की है।

25 दिसंबर 2016 से बंद हुई थी छोटी रेल लाइन की ट्रेन

सहरसा से फारबिसगंज रेल खंड में चल रही छोटी रेल लाइन की ट्रेन 25 दिसंबर 2016 को अंतिम रेल सहरसा से थरबिटिया के बीच चली थी। इसके बाद से रेल परिचालन को पूर्णत: बंद कर दिया गया। कोसी क्षेत्र मे यह अंतिम रेल लाइन बची हुई थी जिस रेल खंड में मीटर गेज को ब्राड गेज में परिवर्तित करने का काम शुरू हुआ। आमान परिवर्तन कार्य पूरा होने के बाद सबसे पहले सहरसा से गढबरूआरी के बीच 0 7 मार्च 2019 को रेल परिचालन शुरू किया गया। इसके बाद सुपौल स्टेशन तक इसका विस्तार 01 दिसंबर 2019 को किया गया। 18 सितंबर 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोसी रेल महासेतु के साथ- साथ सुपौल- सरायगढ़- राघोपुर- आसनपुर कुपहा तक बडी रेल लाइन पर ट्रेन परिचालन का शुभारंभ किया।

राघोपुर- फारबिसगंज के बीच बंद है रेल सेवा

करीब 14 वर्ष से राघोपुर- फारबिसगंज के बीच 45 किमी. रेल सेवा बंद है। चौथे चरण में राघोपुर से ललितग्राम के बीच रेल परिचालन शुरू करने की योजना रेलवे ने बनायी है। पांचवे अंतिम चरण में ललितग्राम से फारबिसगंज के बीच रेल सेवा शुरू होने की उम्मीद है।

पड़ोसी देश नेपाल से रोटी- बेटी का है रिश्ता

कोसी क्षेत्र के लोगों की रिश्तेदारी नेपाल से है। इस क्षेत्र के सैकड़ों की संख्या में बेटा- बेटी की शादी पड़ोसी देश नेपाल के कंचनपुर, दुहबी, धरान, राजविराज, विराटनगर, भंटाबाडी आदि इलाकों में है। जिस कारण इस क्षेत्र के लोगों को रेल सेवा बंद होने के कारण करीब एक सौ किलोमीटर से अधिक दूरी तय करके फारबिसगंज जाना पड़ता है।

इस वित्तीय वर्ष मेें फारबिसगंज तक ट्रेन चलाने का है लक्ष्य

सहरसा से फारबिसगंज के बीच इस वित्तीय वर्ष में सीधी रेल सेवा बहाल होने का लक्ष्य निर्धारित है। सहरसा से राघोपुर तक एक जोड़ी ट्रेन का परिचालन शुरू है। राघोपुर से फारबिसगंज के बीच रेल लाइन बिछ चुकी है।

राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेल


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