Move to Jagran APP

पूर्णिया के 11 मजदूर को हैदराबाद में बनाया बंधक, तीन लाख की कर रहे मांग

ठेकेदार की ओर से मजदूरों को बंधक बनाने का मामला अक्सार आते रहता है। इस बार पूर्णिया के मजदूरों को बंधक बनाया गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 10:31 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 10:31 PM (IST)
पूर्णिया के 11 मजदूर को हैदराबाद में बनाया बंधक, तीन लाख की कर रहे मांग
पूर्णिया के 11 मजदूर को हैदराबाद में बनाया बंधक, तीन लाख की कर रहे मांग

पूर्णिया, जेएनएन। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विक्रमपुर पंचायत अंतर्गत महेंद्रपुर गांव का 11 मजदूरों को हैदराबाद में ठेकेदार के द्वारा बंधक बनाकर तीन लाख रुपया मांगने का मामला सामने आया है। मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विक्रमपुर पंचायत का है । ठेकेदार ने दो लोगों को बांधकर उसे पिटाई करते हुए किडनी बेचने की बात कहते हुए वीडियो बनाकर परिजनों को भेजी है तथा उनसे तीन लाख रुपये भेजने की मांग की गई है। वीडियो में साफ साफ देखा जा रहा है कि किस तरह मजदूर ङ्क्षपटू एवं गौरव के हाथ पैर को बांधकर डंडे से पिटाई की जा रही है। साथ ही यह बोलते हुए भी देखा जा रहा है कि उनकी किडनी को बेच दिया जाएगा। बंधक युवक की मां बबीता देवी का कहना है कि स्थानीय पूर्व मुखिया शंकर राम एंव इशराफिल जो सपनी निवासी है,उनके कहने पर यहां के दर्जनों मजदूर काम के लिए हैदराबाद चले गए थे। आज से 1 महीने पूर्व शंकर राम के दिशा निर्देश पर बस एवं अन्य गाडिय़ों से हैदराबाद के लिए सभी मजदूरों को रवाना किया था । लेकिन एक महीने बाद यह वीडियो उनके परिजनों को मिला है। जिसमें मधुसूदन रजवार का पुत्र ङ्क्षपटू रजवार एवं जामुन रजवार का पुत्र गौरव रजवार को वहां के ठेकेदारों ने बंदी बना कर मारपीट कर रहे हैं। साथ ही 3 लाख की मांग कर रहे है। इस मामले में बताया जा रहा है कि हैदराबाद के मधु एवं अब्दुल नाम के दो व्यक्ति जो मकान के काम का ठेकेदारी लेते हैं। उसने बिहार के पूर्णिया जिला स्थित ईशा उर्फ इशतियाक के माध्यम से शंकर राम व शाहिल नामक व्यक्ति को 3 लाख 9 हजार देकर 25 मजदूरों की मांग की थी। जिसमें ईशराफिल ने शंकर राम पूर्व मुखिया गौरा पंचायत से मिलकर गौरा पंचायत एवं विक्रमपुर पंचायत से करीब 25 आदमी को हैदराबाद रवाना कर दिया। वहां पहुंचने के बाद इससे पहले उन्होंने सभी 25 लोगों को चार हजार रुपया बतौर अग्रिम राशि घर पर ही दिया था। काम कर रहे युवकों से जब बात किया गया तो उन्होंने बताया कि यहां ना तो खाना दिया जा रहा था सही से, ना ही पगार दिया जा रहा था। सिर्फ यहां हमलोगों से काम करवाया जा रहा था। जिसे लेकर 25 में से 14 व्यक्ति भाग खड़े हो गए। वहीं 11 आदमी बचे हुए थे । खाना नहीं मिलने के कारण हम लोग भी यहां से भागने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन मधु एवं अब्दुल जो यहां का ठेकेदार व मालिक बताते हैं उन्होंने 11 में से 2 मजदूरों को अनजान जगह पर बंदी बना कर रखा है। जब टेलीफोन पर बंदी ङ्क्षपटू से बात किया गया तो उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे। वह यहां हैदराबाद से अपने घर बिहार आने के लिए गुहार लगा रहे थे । जिसके बाद उन्हें सांत्वना व धैर्य बंधाया और उनके मालिक से भी बात की। ङ्क्षपटू कुमार का कहना है कि हमें यहां पिछले 3 दिनों से हाथ पैर बांध के बंधक बनाकर रखा गया है। ना ही खाने के लिए कुछ दिया जा रहा है सिर्फ 3 लाख पैसे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर अगर उन्हें 1 दिन के अंदर पैसे जमा नहीं किया गया तो उनके किडनी को बेचकर एंव हाथ पर काट के सड़क पर भीख मंगवाने का भी काम करेंगे? । अब सवाल यह उठता है कि आखिर दलाल के चंगुल में फंसकर अगर मजदूरों का यही हाल होता रहा तो लोग आखिर कहां जाकर काम करेंगे? कैसे अपने परिवार का भरन पोषण करेंगे? मामले को लेकर परिजनों ने मुफस्सिल थाना में आवेदन भी दर्ज कर दिया है । लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई आश्वासन नहीं मिल पाया है। उनकी मां बबीता देवी एवं गौरव कुमार के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। अब देखना यह है कि प्रशासन या फिर ठेकेदार जो इसे चार हजार रुपया बतौर राशि देकर ले गए थे क्या कुछ करते हैं ।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.