शहर को रोशन करने के लिए लगी एलईडी लाइट में 10 फीसद हुआ खराब
तीन माह पहले शहर के मुख्य मार्गो में सबसे पहले एलईडी लाइट लगाई गई थी। इससे 70 फीसद तक बिजली की खपत कम हो जाएगी। लेकिन अब 10 फीसद एलईडी लाइट खराब हो गई है।
भागलपुर (जेएनएन)। शहर की सड़कों को रोशन करने के लिए नगर निगम की ओर से लगाई गई एलईडी लाइट तीन महीने में ही दम तोडऩे लगी है। रख-रखाव की कार्ययोजना के बावजूद अब तक 10 फीसद से अधिक स्ट्रीट लाइट खराब हो चुकी हैं। ऐसे में एक बार फिर से सड़कों पर अंधेरे का संकट मंडराने लगा है।
तीन माह पहले शहर के मुख्य मार्गो में सबसे पहले एलईडी लाइट लगाई गई थी। एलईडी लाइट के चयन का उद्देश्य यह भी था कि इसके लगाने से पहले के मुकाबले 70 फीसद तक बिजली की खपत कम हो जाएगी। नगर निगम ने इसके लिए एस्सल कंपनी से एग्रीमेंट किया था। शहर में कंपनी द्वारा करीब नौ हजार लाइट लगाने की योजना है। इसके लिए निगम के रोशनी शाखा कंपनी को दिशा-निर्देश दे रही है। कंपनी को एलईडी लाइट का मेंटनेंस और खराब होने पर बदलना है, लेकिन यह नहीं हो रहा है। बरारी पुल घाट, तिलकामांझी से बरारी, नाथनगर से भागलपुर स्टेशन मार्ग, भीखनपुर मार्ग समेत शहर के आधा दर्जन से अधिक मार्ग में चार दर्जन से अधिक लाइटें बंद पड़ी हैं। कुछ लाइटें ऐसी की दिन भर जलती रहती हैं। बंद करने की सुविधा नहीं है। कंपनी के प्रतिनिधि मेंटनेंस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से तकनीकी खराबी आने लगी है। अनुबंध के मुताबिक खराबी आते ही नया बल्ब कंपनी को लगाना है। इसके बावजूद नहीं लगाया जा रहा है। यही वजह है कि कई सड़कों पर अंधेरा छा गया है।
इस संबंध में एस्सल कंपनी के प्रतिनिधि अमित झा ने बताया कि जहां स्ट्रीट लाइट खराब होने की सूचना मिल रही है उसे बदला जा रहा है। शहर में नौ हजार के बदले अब तक छह हजार लाइट वार्डो में लगा दी गई है। में एस्सल कंपनी द्वारा एलईडी लाइट लगाई गई थी। तीन माह में करीब 10 फीसद लाइट खराब हो चुकी है। रख-रखाव की कार्ययोजना के बावजूद कंपनी लचर रुख अपना रखी है। नतीजा कुछ दिन के उजाले के बाद अंधेरे में शहरवासी को आवागमन करना पड़ रहा है। शहर को एलईडी लाइट से रोशन करने की योजना शुरूआत में ही दम तोडऩे लगी है।