सरकारी कार्यालयों में भी दिखा बंद का व्यापक असर, लटके रहे ताले
बेगूसराय। ट्रेड यूनियनों द्वारा घोषित अखिल भारतीय आम हड़ताल का व्यापक असर मंगलवार को सरकारी कार्यालयो
बेगूसराय। ट्रेड यूनियनों द्वारा घोषित अखिल भारतीय आम हड़ताल का व्यापक असर मंगलवार को सरकारी कार्यालयों में भी देखा गया। हड़ताल के कारण समाहरणालय, विकास भवन, राजस्व कार्यालय सहित अन्य सभी कार्यालयों में ताले लटके रहे। यूनियन के आह्वान पर सभी सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर रहे और समाहरणालय के उत्तरी द्वार पर धरना दिया जिसकी अध्यक्षता हरिशंकर प्रसाद ने की। धरना को संबोधित करते हुए अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री मोहन मुरारी ने हड़ताल को पूर्णत: सफल बताया। केंद्र एवं राज्य सरकार को कर्मचारी व मजदूर विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकारी कार्यालय में कर्मचारियों के लाखों पद रिक्त पड़े हुए हैं तो दूसरी ओर सरकार संविदा व ठेका पर बहाल कर युवाओं के श्रम का शोषण कर रही है। हड़ताल कर रहे कर्मचारी पेंशन नीति को समाप्त कर पुरानी पेंशन नीति लागू करने, ठेका, संविदा, आउटसोर्सिंग, मानदेय आदि पर बहाली की प्रथा समाप्त कर नियमित बहाली करने, समान काम के बदले समान वेतन देने, न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये मासिक भुगतान करने, बाल श्रमिक कर्मियों के बकाये मानदेय का शीघ्र भुगतान करने, कार्यालय अधीक्षक व प्रधान लिपिक के पद पर प्रोन्नति की कार्रवाई शीघ्र करने, निलंबन व विभागीय कार्यवाही समाप्त करने आदि की मांग कर रहे थे। धरना को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रमंडलीय मंत्री रामदेव साहु, शंकर मोची, चंद्रदेव ¨सह, मथुरा ठाकुर, राजनंदन चौधरी, अर¨वद पासवान, अर¨वद कुमार ¨सह, आशुतोष कुमार, राजीव रंजन, आशा, लव कुमार ¨सह, दिलीप मल्लिक, सुनील ¨सह, गिरीश कुमार ¨सह, महेश्वर ¨सह, राजेन्द्र ¨सह, रामानंद सागर, कृष्णा कुमारी, रीना कुमारी, सुमन कुमार, श्यामनंदन ठाकुर आदि ने भी संबोधित किया।
कई कार्यालयों के कर्मचारी रहे हड़ताल में शामिल : समाहरणालय स्थित कार्यालय के अलावा जिले के अन्य सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल रहे। इसमें सदर अस्पताल, नगर निगम, निबंधन, एसडीओ, परिवहन, कोषागार, नगर निगम, कृषि, प्रखंड, अंचल आदि के कर्मी भी शामिल थे।
कार्यालय में मौजूद नहीं थे अधिकारी : हड़ताल के कारण एकाध को छोड़ अन्य कोई अधिकारी भी कार्यालय में मौजूद नहीं थे। डीएम, डीडीसी, एडीएम, कल्याण, पंचायत स्थापना, नजारत सहित अन्य कार्यालय के अधिकारी भी कार्यालय में मौजूद नहीं थे जिसके कारण पूरा समाहरणालय अधिकारी विहीन लग रहा था।
लेते रहे धूप का आनंद : हड़ताल के कारण कार्यालय बंद हो जाने से कार्यरत कर्मियों में से कुछ जहां धरना में शामिल हो गए तो वहीं कुछ इधर-उधर खड़े होकर धूप का आनंद लेते रहे। समाहरणालय के दक्षिणी द्वार स्थित चाय दुकान, गांधी स्टेडियम का मैदान आदि जगहों पर छोटे-छोटे जत्थे में कर्मचारी एक-दूसरे से बात करते रहे तथा धूप का आनंद लेते रहे। कुछ देर बाद ऐसे कर्मियों ने अपने आवास का रास्ता भी अख्तियार कर लिया।