Move to Jagran APP

काम होगा तभी तो कोई आएगा पंचायत भवन

बेगूसराय घाघड़ा पंचायत भवन अक्सर बंद रहता है। भवन के चारों ओर मजबूत चहारदीवारी है अ

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 08:25 PM (IST)
काम होगा तभी तो कोई आएगा पंचायत भवन
काम होगा तभी तो कोई आएगा पंचायत भवन

बेगूसराय : घाघड़ा पंचायत भवन अक्सर बंद रहता है। भवन के चारों ओर मजबूत चहारदीवारी है और उसके मुख्य द्वार पर ताला लटका रहता है। पंचायत भवन के गेट पर फैली गंदगी, घास और लताएं इस बात की गवाह हैं कि इसे महीनों से खोला नहीं गया है और यहां कोई आता-जाता नहीं है। इस बाबत पूछे जाने पर गांव के विष्णुदेव ठाकुर कहते हैं कि भवन बनने के बाद से यहां पंचायत की आमसभा कभी नहीं हुई। पंचायत भवन के पड़ोस में रहने वाले चंदन कुमार बताते हैं कि विगत अगस्त में इसका ताला खुला था। साफ-सफाई हुई और फिर से ताला लटक गया। चूंकि यहां कोई काम नहीं होता है, इसलिए लोग यहां नहीं आते हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत भवन के बनने के बाद इसे कंप्यूटर आदि से युक्त किया गया था। लोगों में आशा जगी थी कि उन्हें अपने छोटे कार्यों के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, परंतु कुछ समय बाद ही कंप्यूटर की चोरी हो गई। थाना में घटना की प्राथमिकी दर्ज करवाई गई, परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। नतीजा है कि पंचायतवासी वृद्धा पेंशन, जन्म मृत्यु, मनरेगा, कबीर अंत्येष्टि, छात्रवृत्ति, जॉब कार्ड, फसल बीमा आदि कार्यों के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। गांव के लक्ष्मण कुमार महतो बताते हैं कि सरकार ने गांव के लोगों की सुविधा के लिए योजनाएं लागू की, परंतु सरकारी कर्मियों की लापरवाह कार्यशैली तथा मोनिटरिग के अभाव में जनता को योजना का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। घाघड़ा चौक की पान, चाय दुकानदार चैतू पासवान कहते हैं कि सरकार योजनाओं को तो संचालित करती है, परंतु उसकी स्थिति का आंकलन नहीं करती, इसलिए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पंचायत के शिवनगर गांव निवासी टेको शर्मा, घाघड़ा निवासी रिक्शा चालक अनिल कुमार ने बताया कि पंचायत भवन रहने के बाद भी आमसभा सभी दिन सिमरी मध्य विद्यालय में होती रही है। पंचायत प्रतिनिधि कभी भी पंचायत भवन का उपयोग नहीं किए। इससे लोग पंचायत भवन के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि पंचायत के लोग अपने सचिव का चेहरा तक नहीं देखे हैं।

loksabha election banner

मालूम हो कि पुराने सचिव के सेवानिवृत्त होने के बाद यहां पदस्थापित नये पंचायत सचिव को लोगों ने अब तक जाना-पहचाना तक नहीं है। मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए पंचायत में सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया। परंतु, सरकार की यह सोच अपने उद्देश्यों को पूरा करती नहीं दिख रही है। प्रखंड की अधिकांश पंचायतों में यह विफल साबित हो रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.