हाजीपुर, समस्तीपुर व बरौनी से अब एक साथ होगा ट्रेनों का परिचालन
बेगूसराय बछवाड़ा जंक्शन में चलाए जा रहे रीमॉडलिग का काम पूरा हो गया है। यार्ड की री
बेगूसराय : बछवाड़ा जंक्शन में चलाए जा रहे रीमॉडलिग का काम पूरा हो गया है। यार्ड की रीमॉडलिग में सिविल इंजीनियरिग, सिग्नल एवं दूरसंचार और इलेक्ट्रिकल कार्य शामिल थे। इसमें सात कट कनेक्शन, 33 प्वाइंट्स की स्थापना, 73 रूट्स, तीन नई लाइनों का निर्माण, पांच लाइनों का रीएलाइन्मेंट और उनके विद्युतीकरण की आवश्यकता थी, जो रिकार्ड समय में पूरा कर लिया गया। ट्रेनों के परिचालन में कम से कम बाधा आए, इसके लिए कार्य स्थल पर इरकॉन के अधिकारियों के साथ-साथ रेलवे के 21 अधिकारी एवं उनके स्टाफ तैनात किए गए थे। इसके अलावा छह टावर वैगन, चर ट्रैक मशीन, चार क्रेन, 10 अर्थ मूविग मशीन (जेसीबी, पोकलेन) आदि मशीनें भी कार्य में शामिल थीं।
सोनपुर रेल मंडल का महत्वपूर्ण है बछवाड़ा जंक्शन बरौनी, समस्तीपुर एवं हाजीपुर वाया शाहपुर पटोरी लाइनों को जोड़ता है। बछवाड़ा जंक्शन होकर राजधानी एक्सप्रेस सहित कई महत्वपूर्ण गाड़ियां गुजरती हैं। शाहपुर पटोरी, बछवाड़ा एवं हाजीपुर वाया मुजफ्फरपुर बछवाड़ा इन मार्गों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बावजूद बछवाड़ा जंक्शन से सुचारू रूप से ट्रेनों के परिचालन में एक बाधा आ रही थी। इससे पूर्व पुराने यार्ड में एक छोड़ पर ट्रेनों के प्राप्त करने और समय पर चलने के दौरान दूसरे छोर से ट्रेनों को प्राप्त करना और चलाना संभव नहीं हो पा रहा था। इससे गाड़ियों के परिचालन में बाधा आती थी। गाड़ियां न सिर्फ विलंबित होती थी, बल्कि जाम भी लग जाता था। इसलिए ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित परिचालन के लिए यार्ड की रीमॉडेलिग जरूरी था। इसके लिए पूरे यार्ड के ऑपरेशन को नियंत्रित करने के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड आर्किटेक्चर के आधुनिकतम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिग (इआई) सिस्टम और ड्यूल वीडीयू (विजुअल डिस्प्ले यूनिट) लगाए गए हैं। 2015-16 में मिली थी रेल मंत्रालय से परियोजना की स्वीकृति बछवाड़ा यार्ड रिमॉडलिग कार्य 930 करोड़ रुपये की लागत वाली हाजीपुर-शाहपुर पटोरी- बछवाड़ा रेलखंड दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा है। इसकी स्वीकृति वर्ष 2015-16 में मिली थी। अभी तक बछवाड़ा यार्ड में दो हाई लेवल प्लेटफार्म और एक रेल लेवल प्लेटफार्म सहित कुल पांच रनिग लाइनें थीं। यहां पर स्टेशन में प्रवेश के लिए कोई उचित प्रवेश द्वार नहीं था। उल्लेखनीय है कि इस कार्य में तीन अतिरिक्त लाइनें, दो नए हाई लेवल प्लेटफार्म, एक रेल लेवल प्लेटफार्म को हाई लेवल तक ऊंचा करना शामिल था।